Premanand Ji Maharaj: नरक भोगते हैं ऐसे इंसान, जीवन में कभी नहीं मिलती खुशी
Premanand Ji Maharaj: अगर इंसान इन पांच कर्मों का त्याग नहीं करता है, तो उसका पूरा जीवन बर्बाद हो जाता है. ऐसे में जितनी जल्दी हो सके इन कामों को छोड़ देना चाहिए, नहीं तो उनकी दुर्गति निश्चित होती है.
By Shashank Baranwal | January 20, 2025 8:34 PM
Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज आज किसी परिचय के मोहताज नहीं है. वे न सिर्फ भारत में बल्कि विदेशों में प्रसिद्ध हैं, क्योंकि इनके दर्शन के लिए विदेश से भी लोग आते हैं. भारत के आम इंसान से लेकर बड़े-बड़े नेता, सेलिब्रिटी भी उनके दर्शन के लिए लालायित रहते हैं. अपने सत्संग और प्रवचन के माध्यम से प्रेमानंद जी लोगों का मार्गदर्शन करते हैं. श्रद्धालु उनसे आध्यात्मिक के साथ सांसारिक सवाल भी पूछते हैं, जिनका प्रेमानंद जी महाराज बहुत ही सटीक जवाब देते हैं. महाराज हर इंसान को धर्म के मार्ग पर चलने की सलाह देते हैं. वे कहते हैं कि अगर इंसान इन पांच कर्मों का त्याग नहीं करता है, तो उसका पूरा जीवन बर्बाद हो जाता है. ऐसे में जितनी जल्दी हो सके इन कामों को छोड़ देना चाहिए, नहीं तो उनकी दुर्गति निश्चित होती है.
प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि व्यक्ति को हिंसा, चोरी और छल कपट से कभी धन नहीं कमाना चाहिए. यह इंसान के जीवन में अंधेरा लाने का काम करता है. इस तरह कमाए धन से इंसान ज्यादा दिन तक सुखी नहीं रह पाता है. ऐसे में व्यक्ति को हमेशा धर्म के रास्ते पर चलकर धन कमाना चाहिए. इससे न सिर्फ इंसान के जीवन में खुशहाली आती है, बल्कि उसका पूरा परिवार खुशी से जीवन जीता है.
प्रेमानंद जी महाराज के मुताबिक, इंसान को क्रोध नहीं करना चाहिए, क्योंकि क्रोध इंसान को आगे बढ़ने से रोकता है. क्रोध में इंसान सिर्फ अपना नुकसान करता है. क्रोधी इंसान का बना बनाया काम बिगड़ जाता है. क्रोध में इंसान खुद ही जलता है.
प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि इंसान को अपनी प्रशंसा खुद नहीं करनी चाहिए. इससे इंसान बुद्धि खुद नष्ट हो जाती है. खुद की प्रशंसा करने वाला इंसान कभी निर्णय लेने लायक नहीं होता है. कहा भी जाता है कि व्यक्ति को अपने मुंह मियां मिट्ठू नहीं बनना चाहिए.
प्रेमानंद जी महाराज अक्सर कहा करते हैं कि अगर अपमान भी हुआ है तो व्यक्ति को सहन करना आना चाहिए. यह आपके नष्ट को कम करने का काम करता है. जो इंसान अपमान का बदला लेने का प्रयास करता है उसका पतन निश्चित होता है. बदले की भावना में इंसान का धन नष्ट होने के साथ परिवार को भी बहुत कष्ट मिलता है.
प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार, इंसान को हमेशा जरूरतमंद लोगों की मदद और उनकी रक्षा करनी चाहिए. यह इंसान का फर्ज होता है. इसके अलावा, पशु,पक्षी और जीव की भी मदद करनी चाहिए. अगर ऐसा नहीं किया जाता है, तो व्यक्ति का पतन निश्चित होता है.
प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि व्यक्ति को बिना किसी भय और डर के पाप कर्म करते हैं, वह नरक भोगते हैं. उनकी बहुत दुर्गति होती है.