Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद महाराज ने बताया कोई प्यार में धोखा दे तो क्या करें
Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद महाराज जी से उनके सत्संग के दौरान एक व्यक्ति ने ऐसा ही कुछ प्रश्न किया जो उसकी प्रेमिका से संबंधित था, इस लेख में आपको यह बताया जा रहा है कि इस सवाल पर प्रेमानन्द जी महाराज ने क्या जवाब दिया.
By Tanvi | November 3, 2024 4:42 PM
Premanand Ji Maharaj: मनुष्य को जीवन में कई तरह की चुनौतियों से गुजरना पड़ता है, व्यक्ति की उम्र जैसे-जैसे बढ़ती जाती है, वैसे-वैसे उसके जीवन में कठिनाईयों और परेशानियों की संख्या भी बढ़ती जाती है. ये परेशानियां कई तरह की होती हैं, कभी ये परिवार से संबंधित होती है, तो कभी किसी ऐसे व्यक्ति से संबंधित होती है, जिसे व्यक्ति अपना परिवार न होते हुए भी अपने परिवार की तरह ही समझता है. ये संबंध कभी-कभी व्यक्ति को बहुत दुख भी पहुंचाते हैं. प्रेमानंद महाराज जी से उनके सत्संग के दौरान एक व्यक्ति ने ऐसा ही कुछ प्रश्न किया जो उसकी प्रेमिका से संबंधित था, इस लेख में आपको यह बताया जा रहा है कि इस सवाल पर प्रेमानन्द जी महाराज ने क्या जवाब दिया.
व्यक्ति ने पूछा यह सवाल
वृंदावन वाले प्रेमानंद जी महाराज से मिलकर भक्त अपने कई जटिल प्रश्नों का उत्तर जानना चाहते हैं, महाराज जी के सत्संग के दौरान एक व्यक्ति ने उनसे अपनी दिल की बात बताते हुए यह कहा कि वह जिस लड़की को अपनी आत्मा से प्यार करता था, उस लड़की ने उसके साथ विश्वासघात किया, अब उसे यह समझ नहीं आ रहा है कि वह अपने जीवन में कैसे आगे बढ़े.
प्रेमानंद जी महाराज ने दिया ये जवाब
व्यक्ति की परेशानी सुनकर प्रेमानंद जी महाराज ने कहा कि अगर आपको प्यार में धोखा मिला है तो यह आपके साथ बहुत अच्छा हुआ है , क्योंकि यह झूठा संसार आपको अपने प्यार में फंसा कर केवल आपका समय नष्ट कर रहा था. आपको केवल भगवान से प्यार करना चाहिए और किसी से नहीं. महाराज जी के अनुसार सभी व्यक्ति जाने और अनजाने में भगवान से ही प्यार करते हैं, लेकिन अगर आप यह खुद समझ जाए कि भगवान को प्यार करने में ही सच्चा आनंद है, तो आपके जीवन में कोई भी दुख नहीं होगा.
व्यक्ति के सवालों का जवाब देते हुए महाराज जी ने यह भी कहा कि अगर किसी व्यक्ति को धोखा मिलता है, तो उस व्यक्ति पर भगववन की कृपा होती है, तब ही भगवान उसको जीवन की सच्चाई दिखाते हैं और यह बात समझाने का प्रयास करते हैं कि इस दुनिया में कोई भी व्यक्ति किसी का नहीं है, सब केवल अपने स्वार्थ के कारण एक दूसरे से जुड़े हुए हैं और उसे प्यार का नाम देकर पुकारते हैं.