Premanand Ji Maharaj: डिप्रेशन से जूझ रहे लोगों के लिए प्रेमानंद जी की सीख, बताए 3 रामबाण उपाय

Premanand Ji Maharaj: आज तमाम लोग ऐसे हैं, जो कि किसी न किसी मानसिक समस्या से गुजर रहे हैं. वह दिनों दिन अवसाद (डिप्रेशन) की तरफ तेजी से बढ़ रहे हैं. ऐसे में प्रेमानंद जी महाराज मानसिक समस्या से जूझ रहे और तनाव से जूझ रहे लोगों के लिए कुछ अचूक उपाय सुझाए हैं, जिनको अपनाकर व्यक्ति की मानसिक स्थिति सही और सुदृढ़ हो सकती है.

By Shashank Baranwal | April 11, 2025 8:18 AM
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Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज आज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. उनकी लोकप्रियता दिन-ब-दिन और भी ज्यादा बढ़ती जा रही है. सोशल मीडिया पर उनकी मौजूदगी इतनी प्रभावशाली है कि जैसे ही आप रील्स स्क्रॉल करते हैं, किसी न किसी प्रेरणादायक वीडियो से आपका सामना हो ही जाता है. केवल भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों से भी श्रद्धालु उनके दर्शन और सत्संग के लिए आते हैं. जीवन की तमाम उलझनों और मानसिक तनाव से जूझ रहे लोग अक्सर उनसे उत्तर पाने की तलाश में रहते हैं. उनके सत्संग में श्रद्धालु अपने मन की बातें खुलकर साझा करते हैं, जिसका प्रेमानंद जी बड़े शांति और सरलता से जवाब देते हैं. उनके जवाब न तो समाधान दिलाते हैं, बल्कि जीवन का सही मार्गदर्शन करते हैं. आज तमाम लोग ऐसे हैं, जो कि किसी न किसी मानसिक समस्या से गुजर रहे हैं. वह दिनों दिन अवसाद (डिप्रेशन) की तरफ तेजी से बढ़ रहे हैं. ऐसे में प्रेमानंद जी महाराज मानसिक समस्या से जूझ रहे और तनाव से जूझ रहे लोगों के लिए कुछ अचूक उपाय सुझाए हैं, जिनको अपनाकर व्यक्ति की मानसिक स्थिति सही और सुदृढ़ हो सकती है. ऐसे में आइए जानते हैं कि प्रेमानंद जी महाराज तनाव से बचने से कौन-सा रामबाण उपाय बताते हैं.

सुख-दुख जीवन का अहम हिस्सा

प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं सुख-दुख जीवन का अहम हिस्सा है. यह जीवन को संतुलित बनाने का काम करता है. हर किसी के इंसान में सुख-दुख का चक्र चलता रहता है. ऐसे में इस बात को हमें स्वीकार करना लेना चाहिए. चाहे परिस्थिति कैसी भी हो मनुष्य को हमेशा हंसते रहना चाहिए. कहा भी जाता है कि हंसने से कुछ समय के लिए दुख कम हो जाते हैं. ऐसे में मनुष्य को यह प्रयास करना चाहिए कि उसके चेहरे की मुस्करहाट कम न हो.

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दूसरों की बातों को ज्यादा न सोचें

प्रेमानंद जी महाराज के मुताबिक, इंसान को जिंदगी में इस सोच के साथ बढ़ना चाहिए कि भगवान जो करेंगे, वह अच्छा ही करेंगे. जो होगा वह सर्वोत्तम होगा. ऐसे में मनुष्य को व्यर्थ की चिंताओं में अपना समय बर्बाद करने से बचना चाहिए. प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि दूसरों की बातों को सुनकर व्यर्थ की चिंताएं नहीं करना चाहिए.

भगवान की चिंतन करें

प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार, मनुष्य को हर समय भगवान का चिंतन करना चाहिए, क्योंकि जो व्यक्ति भगवान का चिंतन करता है, उसके पास चिंता या तनाव नहीं भटकता है. ऐसा करना व्यक्ति को मानसिक शांति प्रदान करता है. इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि मन में राधा नाम जपते रहना चाहिए. यह मन में उठ रहे नकारात्मक विचारों को दूर करने का काम करता है.

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Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है. प्रभात खबर किसी भी तरह से इनकी पुष्टि नहीं करता है.

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