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प्रेमानंद जी महाराज ने दिया ये जवाब
प्रेमानंद जी महाराज ने श्रद्धालु का जवाब देते हुए कहा कि मन बहुत चंचल होता है. मन की गति बहुत तेज होती है, जिसको नियंत्रित करना आसान नहीं होता है. एक साधक पूरा जीवन मन को नियंत्रित करने में ही लगा देता है. महाराज बताते हैं मन में बुरे ख्याल आपके पूर्व जन्म के कर्म की वजह से आते हैं. पूर्व जन्म के प्रभाव के कारण ही बुरे विचार और परेशानी झेलनी पड़ती है. हालांकि, प्रेमानंद जी महाराज मन में आ रहे बुरे विचारों से बचने का मार्ग भी बताए हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि ये मार्ग कौन से हैं.
मन में आ रहे बुरे विचारों से बचने का मार्ग
- प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार, जब मन में बुरे विचार या ख्याल आए, तो भजन का सहारा लेना चाहिए. जब मन भक्ति में लीन हो जाता है, तो खुद-ब-खुद बुरे विचार मन से हट जाते हैं.
- प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि मन में बुरे विचार गलत संगति की वजह से भी हो सकता है. ऐसे में व्यक्ति को गलत संगति को छोड़कर सत्संग और अच्छे लोगों का साथ ले लेना चाहिए. अच्छे लोगों का साथ मन में सकारात्मक ऊर्जा भरने का काम करता है.
- मन में आ रहे बुरे विचारों को दूर करने के लिए खुद को व्यस्त कर लें. मन को पढ़ाई, अच्छे कामों और सेवा में लगाना चाहिए. यह भटकते मन को काबू में रखने का काम करता है.
- मन में आ रहे बुरे विचारों से छुटकारा पाने के लिए ग्रंथों का अध्ययन बहुत जरूरी होता है. यह मन को सकारात्मक ऊर्जा से भर लेता है.
- प्रेमानंद जी महाराज ने बताया कि मन को शुद्ध रखने के लिए प्रकृति के साथ समय बिताना चाहिए. इसके अलावा, भगवान के प्रति विश्वास और खुद को भगवान के प्रति समर्पित कर देना चाहिए.
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