Premanand Ji Maharaj: क्यों पहनते हैं प्रेमानंद जी महाराज हमेशा पीले वस्त्र? जानें क्या है इसके पीछे की वजह 

Premanand Ji Maharaj: अक्सर प्रेमानंद जी महाराज को पीले वस्त्र और पीले चंदन का तिलक लगाए हुए ही देखा जाता है. ऐसे में आज हम जानेंगे कि प्रेमानंद जी महाराज हमेशा पीले वस्त्र ही क्यों धारण किए रहते हैं. इसके पीछे का कारण क्या है.

By Priya Gupta | May 27, 2025 8:15 PM
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Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज आज के समय में किसी परिचय के मोहताज नहीं है. वृंदावन स्थित उनके आश्रम से पूरी दुनिया से श्रद्धालु आते हैं, जिनमें राजनेता से लेकर सेलिब्रिटी तक शामिल रहते हैं. प्रेमानंद जी की बातें लोगों के लिए मार्गदर्शक बनती हैं. अक्सर श्रद्धालु उनके पास सांसारिक मोह माया को त्यागने से संबंधित सवाल पूछते हैं, जिनका महाराज बड़े ही सहज भाव से जवाब देते हैं. उनके चेहरे पर एक अलग ही तेज रहता है. वे हमेशा पीले वस्त्र में ही नजर आते हैं. ऐसे में आज हम जानेंगे कि प्रेमानंद जी महाराज हमेशा पीले वस्त्र ही क्यों धारण किए रहते हैं. इसके पीछे का कारण क्या है.

प्रेमानंद जी महाराज क्यों पहनते हैं पीले रंग का वस्त्र?

  • दरअसल, प्रेमानंद जी महाराज का संबंध राधावल्लभ संप्रदाय से है. इस संप्रदाय के अनुयायी हमेशा पीले वस्त्र ही धारण करते हैं, क्योंकि पीले वस्त्रों का खास महत्व होता है. यह रंग राधा-कृष्ण के दिव्य प्रेम और लीलाओं का प्रतीक माना जाता है.

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  • भगवान श्रीकृष्ण का एक नाम पीतांबर भी है. साथ ही राधा रानी का वर्ण भी कांति यानी सोने के समान ही माना जाता है. यह भी एक वजह है कि प्रेमानंद जी महाराज पीले वस्त्र धारण करते हैं. इसके जरिए वह अपनी भक्ति को राधा रानी और भगवान श्रीकृष्ण के समक्ष अर्पित करते हैं.  
  • प्रेमानंद जी महाराज पीले वस्त्र के अलावा, माथे पर पीले चंदन का तिलक भी लगाते हैं, जो कि राधा-कृष्ण के प्रति उनके प्रेम और भक्ति की प्रतीकात्मक अभिव्यक्ति है. माथे पर पीले चंदन का लेप उनकी चेहरे के आभा को और प्रभावी बना देती है. उनके चेहरे पर एक अलग ही दिव्यता की अनुभूति होती है. 
  • प्रेमानंद जी महाराज के वीडियो में उनके अनुयायी भी पीले या सफेद रंग के वस्त्र धारण किए हुए नजर आते हैं, जो कि उनके संप्रदाय की भक्ति-भावना और आध्यात्मिक अनुशासन का प्रतीक बन चुकी है.

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Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है. प्रभात खबर किसी भी तरह से इनकी पुष्टि नहीं करता है.

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