नहाने का सही तरीका
प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार नहाते समय सबसे पहले नाभि पर पानी डालना चाहिए. नाभि को शरीर का केंद्र माना जाता है और इसे पानी से धोने से शरीर की ऊर्जा का संतुलन बना रहता है. यह एक प्राचीन परंपरा है जो शारीरिक और मानसिक ताजगी को बढ़ावा देती है. विशेष रूप से उन लोगों के लिए यह तरीका ज्यादा लाभकारी है जो ब्रह्मचर्य का पालन करते हैं.इसके बाद शरीर के अन्य हिस्सों पर पानी डालते हुए नहाना चाहिए जिससे शांति और सकारात्मकता का अनुभव होता है.
ठंडे पानी स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी
प्रेमानंद जी महाराज का मानना है कि सर्दियों में भी ठंडे पानी से नहाना स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी होता है. ठंडे पानी से नहाने से न केवल शरीर में ताजगी आती है बल्कि यह रक्त संचार को भी बेहतर बनाता है और शरीर में ऊर्जा का संचार करता है.
साबुन की जगह मिट्टी का करें प्रयोग
प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार नहाते वक्त साबुन और रासायनिक उत्पादों से बचना चाहिए क्योंकि ये शरीर को नुकसान पहुंचा सकते हैं. इसके बजाय मिट्टी का उपयोग करना अधिक लाभकारी है. मिट्टी न केवल शरीर की गंदगी को प्राकृतिक तरीके से साफ करती है बल्कि यह त्वचा को भी निखारती है और शुद्ध करती है.
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