हृदय को मजबूत बनाती है
रेड वाइन में पाया जाने वाला रेसवेराट्रॉल एक एंटीऑक्सीडेंट है जो हृदय की धमनियों को साफ रखने और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में सहायक होता है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह “अच्छे कोलेस्ट्रॉल” (HDL) को बढ़ाता है और ब्लड क्लॉटिंग की संभावना को कम करता है.
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मस्तिष्क को अलर्ट रखती है
एक स्टडी के अनुसार सीमित मात्रा में रेड वाइन पीने वालों में न्यूरोलॉजिकल डिजीज (जैसे अल्जाइमर) का खतरा कम देखा गया है. रेड वाइन में मौजूद फ्लैवोनॉयड्स और पॉलीफेनोल्स न्यूरॉन्स को डैमेज से बचाते हैं.
एंटीऑक्सीडेंट्स का अच्छा स्रोत
रेड वाइन में मौजूद पॉलीफेनोल्स, फ्लैवोनॉल और कैटेचिन शरीर के फ्री रेडिकल्स से लड़ते हैं, जो एजिंग और कैंसर जैसी बीमारियों के लिए जिम्मेदार होते हैं.
इम्यून सिस्टम को बूस्ट करती है
कम मात्रा में रेड वाइन पीने वालों में शरीर के अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है. यह कई वायरल और बैक्टीरियल इंफेक्शन से बचाने में मदद कर सकती है.
पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद
रेड वाइन में प्रोबायोटिक गुण होते हैं, जो गट हेल्थ यानी आंतों के स्वास्थ्य को सुधार सकते हैं. इसके सेवन से भूख खुलती है और पाचन प्रक्रिया दुरुस्त रहती है.
तनाव कम करती है
एक रिसर्च में यह भी दावा किया गया है कि रेड वाइन में पाया जाने वाला रेसवेराट्रॉल शरीर में कॉर्टिसोल के स्तर को नियंत्रित करता है, जिससे तनाव में राहत मिलती है.
स्किन और एंटी-एजिंग के लिए लाभकारी
रेड वाइन में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स त्वचा को डिटॉक्स करते हैं और झुर्रियों, फाइन लाइन्स से लड़ने में मदद करते हैं. कुछ स्किनकेयर ब्रांड्स रेड वाइन एक्सट्रैक्ट से बने फेस मास्क भी बनाते हैं. हालांकि, मेडिकल साइंस की मानें तो इसे रोजाना 150ml (1 ग्लास) से अधिक लेना खतरनाक हो सकता है.
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