Premanand Ji Maharaj: बुरे वक्त में भगवान याद आते हैं क्या यह स्वार्थ नहीं? प्रेमानंद जी ने कही ये बातें

Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज ने बताया कि क्या बुरे वक्त में भगवान को याद करना स्वार्थ होता है?

By Shashank Baranwal | March 25, 2025 9:45 AM
an image

Premanand Ji Maharaj: इंसान के जीवन में सुख-दुख लगा रहता है. दोनों जिंदगी के अहम हिस्से हैं. दोनों जिंदगी को संतुलित बनाकर रखने का काम करती है. ऐसे में देखा जाता है कि जब आपका दिन अच्छा चल रहा होता है, तो अक्सर भगवान को भूल जाते हैं और जब बुरा दिन चलता है, तो भगवान याद आते हैं. मन में सवाल उठता है कि क्या बुरे या दुख के समय में भगवान को याद रखना स्वार्थ होता है. एक बार प्रेमानंद जी महाराज इसी तरह का विचार भक्तों के साथ साझा कर रहे थे, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा था. इस दौरान उन्होंने जो बात की उसे हर इंसान को समझना चाहिए.

प्रेमानंद जी महाराज ने कही ये बातें

प्रेमानंद जी महाराज ने बताया कि जब व्यक्ति के जीवन में बुरा समय आए, तो घबराना नहीं चाहिए. इस परिस्थिति को भगवान की कृपा समझकर स्वीकार कर लेना चाहिए, क्योंकि अगर भगवान आज दुख दिए हैं, तो कल अच्छा समय भी लाएंगे. इसके अलावा, उन्होंने यह भी बताया कि जब जिंदगी में अच्छा समय आए, तो उसे भगवान की दया समझनी चाहिए. ऐसे में कहा जा सकता है कि सुख-दुख जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. यह एक चक्र की भांति होता है, जो कि पूरी जिंदगी लगा रहेगा. कभी सुख, तो कभी दुख जीवन में आते रहेंगे.

यह भी पढ़ें- Premanand Ji Maharaj: मन का मायाजाल या बुरी नजर? प्रेमानंद जी महाराज ने बताया सच, अपनाएं ये उपाय

यह भी पढ़ें- Premanand Ji Maharaj: अपना ली प्रेमानंद जी की ये बातें, तो याद किया हुआ नहीं भूलेंगे कभी

बुरे समय में भगवान को याद रखना सही या नहीं?

प्रेमानंद जी महाराज ने बताया कि मुश्किल समय में सिर्फ भगवान ही काम आते हैं. भगवान ही एक मात्र सहारा होते हैं. ऐसे में भगवान को बुरे समय या दुख में याद रखना बुरा नहीं होता है. भगवान को ऐसी स्थिति में याद करना गलत नहीं होता है. इसके अलावा, उन्होंने यह भी बताया कि भगवान के नाम का जप करते रहना चाहिए और कभी भगवान को भूलना नहीं चाहिए.

यह भी पढ़ें- प्रेमानंद जी महाराज ने तलाक बढ़ने की बताई वजह, हर शख्स को जाननी चाहिए ये बातें

Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है. प्रभात खबर किसी भी तरह से इनकी पुष्टि नहीं करता है.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें

Life and Style

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version