Sadhguru: जीवन में अच्छी या बुरी आदतें कुछ नहीं होती- जरूरी है जागरूकता से जीना

Sadhguru: आदतों पर निर्भर रहने के बजाय, सद्गुरु सलाह देते हैं कि जीवन को सजगता और समझदारी से जियें.

By Pratishtha Pawar | April 29, 2025 8:40 AM
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Sadhguru: अक्सर हम जीवन में ‘अच्छी आदतें’ अपनाने और ‘बुरी आदतों’ से बचने की बातें करते हैं. लेकिन आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु का मानना है कि आदतें, चाहे अच्छी हों या बुरी, असल में हमें अचेतन (बिना सोचे-समझे) तरीके से जीने के लिए मजबूर कर देती हैं. सद्गुरु के अनुसार इंसान होने की खूबसूरती ही यह है कि हम हर काम जागरूकता के साथ कर सकते हैं.

Good and Bad Habits | Sadhguru Advice on Life Habits: आदतें अच्छी या बुरी नहीं होती

सद्गुरु कहते हैं कि “अच्छी आदत” और “बुरी आदत” जैसी कोई चीज असल में होती ही नहीं. जब आप कोई काम आदत में करते हैं तो आप उसे बिना सोचे, बिना समझे करते हैं. आप उसे अपने आप करते जाते हैं, जैसे मशीनें करती हैं. यानी आपकी चेतना उस काम में शामिल नहीं होती.

अब चाहे वह आदत कितनी भी ‘अच्छी’ क्यों न मानी जाए, जैसे सुबह उठकर योग करना या समय पर काम करना. अगर आप उसे सिर्फ एक रूटीन की तरह कर रहे हैं, तो आप उसमें पूरी तरह से जागरूक नहीं हैं.

 Sadhguru Thoughts on Awareness : इंसान होने का असली मतलब है जागरूकता

सद्गुरु के अनुसार इंसान और जानवर में यही सबसे बड़ा फर्क है. जानवर अपने जीवन के ज्यादातर कार्य अचेतन अवस्था में करते हैं. लेकिन इंसान के पास यह खूबी है कि वह हर काम जागरूकता के साथ कर सकता है — चाहे खाना खाना हो, बात करना हो या कोई भी छोटा-बड़ा कार्य.

जब आप किसी काम को पूरी चेतना के साथ करते हैं, तभी आप सच में उसे सही तरीके से करते हैं. सिर्फ आदतों के आधार पर जीवन जीने से आप मशीन जैसे बन जाते हैं, जबकि इंसान को एक सुंदर, सजग और विकसित जीवन जीने के लिए बनाया गया है.

आदतों पर नहीं, जागरूकता पर भरोसा करें- सद्गुरु

सद्गुरु सलाह देते हैं कि हमें आदतें विकसित करने में अपना समय और ऊर्जा नहीं लगानी चाहिए. इसके बजाय हमें जीवन को हर पल जागरूकता से जीने का अभ्यास करना चाहिए.

जब भी कोई चुनौती सामने आए, तो उसे अपनी पुरानी आदतों के अनुसार न सुलझाएं. हर बार नए सिरे से, नए दृष्टिकोण से सोचें और पूरी जागरूकता के साथ निर्णय लें.

जागरूक जीवन की ओर कदम

  • हर काम करते समय पूरी तरह मौजूद रहें.
  • सोचे-समझे बगैर किसी भी चीज को ऑटो-पायलट मोड पर न करें.
  • अपने हर विचार, हर भावना और हर क्रिया को सचेत रूप से देखें.
  • जीवन को नियमों और आदतों में नहीं, बल्कि सजगता और खुलापन के साथ जिएं.

सद्गुरु हमें सिखाते हैं कि असली सुंदरता अच्छी आदतें पालने में नहीं, बल्कि हर पल को पूरी जागरूकता से जीने में है. जब हम हर क्षण सजग होकर जीते हैं, तभी हम अपने जीवन को सच में सुंदर और सार्थक बना पाते हैं.

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