Shab-e-barat shayari in hindi: शब-ए-बरात- इस मुबारक रात पर पढ़ें ये खूबसूरत शायरी
Shab-e-barat shayari in hindi:शब-ए-बरात इबादत और तौबा की रात है. खास मौके पर पढ़ें बेहतरीन शायरियां और इस मुबारक रात की बरकतें हासिल करें
By Pratishtha Pawar | February 13, 2025 7:40 PM
Shab-e-barat shayari in hindi: इस्लाम में शब-ए-बरात (Shab-e-barat) को बहुत ही खास और पाक रात माना जाता है. यह रात इबादत, माफी और दुआओं की रात होती है, जिसमें लोग अपने गुनाहों की तौबा करते हैं और अल्लाह से रहमत मांगते हैं. इस मौके पर दिल को छू लेने वाली शायरी भी लोगों के जज़्बात को बयां करने का एक बेहतरीन तरीका होती है. आइए पढ़ते हैं शब-ए-बरात की कुछ खूबसूरत शायरियां (Shab-e-barat shayari), जो इस मुबारक रात की अहमियत को बयां करती हैं.
Shab-e-barat shayari in hindi: शब-ए-बरात शायरी
रात है बरकतों की, दुआ कुबूल होती है, जो मांगो खुदा से, वही हासिल होती है.
शब-ए-बरात आई है, रोशन जहां हो गया, रहमतों से आज फिर, हर घर गुलशन हो गया.
रौशन कर ले दिल को, गुनाहों से दूर हो जा, शब-ए-बरात है रहमत, तू भी मग़फिरत मांग ले जा.
माँग ले अल्लाह से अपनी हर खुशी, आज की रात ही है तौबा की घड़ी.
खुला है रहमत का दर, हर किसी को माफ किया जाएगा, बस एक बार सच्चे दिल से तौबा फरमाया जाएगा.
शब-ए-बरात में रोशनी ही रोशनी, गुनाहों से तौबा कर, पा ले जिंदगी की नयी रवानी.
रात है पाक, रहमतों की बारिश होगी, जो करेगा तौबा, उसकी किस्मत संवर जाएगी.
शब-ए-बरात की रात, बंद दरवाज़े खुल जाते हैं, हर दिल से निकली दुआ मंज़ूर हो जाती है.
तौबा कर ले, इस रात को न गवा देना, माफी की ये घड़ी फिर लौटकर न आना
रहमत का समंदर आज लहराने वाला है-हर गुनाहगार का सिर झुकाने वाला है.
शब-ए-बरात (Shab-e-barat) इबादत, तौबा और रहमत की रात होती है. इस खास मौके पर दिल से मांगी गई दुआएं कबूल होती हैं और अल्लाह हर गुनाह माफ कर देता है. इस मुबारक रात में हमें इबादत करनी चाहिए और अपने अपनों के लिए दुआ करनी चाहिए. इस शायरी को अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ शेयर करें और इस पाक रात की अहमियत को समझें.