Shardiya Navratri 2023: ॐ शं शैलपुत्री देव्यै: नम: , जानिए कैसे करें मां शैलपुत्री की पूजा

Shardiya Navratri 2023 : मां दुर्गा की उपासना का पर्व शारदीय नवरात्रि , आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 15 अक्टूबर से शुरू हो गई. इस दौरान नौ दिन मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है. पहले दिन माता के शैलपुत्री स्वरूप की उपासना की जाती है.

By Meenakshi Rai | October 15, 2023 10:42 AM
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Shardiya Navratri 2023 : पहले दिन घटस्थापना या कलश स्थापना के बाद से ही भक्त मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की नौ दिन तक आराधना करते हैं. नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा का विधान है.

माता शैलपुत्री के माथे पर अर्ध चंद्र स्थापित है. मां के दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं में कमल है. उनकी सवारी नंदी माने जाते हैं.

देवी सती ने पर्वतराज हिमालय के घर पुर्नजन्म लिया और वह फिर वह शैलपुत्री कहलाईं. मान्यता है कि मां शैलपुत्री की पूजा करने से चंद्र दोष से मुक्ति मिलती है.

जानें माता शैलपुत्री मंत्र: ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे ॐ शैलपुत्री देव्यै नम:।

ॐ शं शैलपुत्री देव्यै: नम:।ॐ शैलपुत्रै नमः।

आनवरात्रि प्रतिपदा के दिन कलश या घट स्थापना करें. इसके बाद दुर्गा पूजा का संकल्प लें. फिर माता दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा करें. मां को अक्षत्, सिंदूर, धूप, गंध, पुष्प आदि अर्पित करें.

मां शैलपुत्री के मंत्रों का जाप करें. इसके बाद कपूर या गाय के घी से दीपक जलाएं. मां की आरती करें. शंखनाद के साथ घंटी बजाएं. मां को प्रसाद अर्पित करें. पूजा समाप्त होने के बाद घर में सभी को प्रसाद दें.

माता शैलपुत्री पर्वतराज हिमालय की पुत्री माता दुर्गा का प्रथम रूप है. इनकी आराधना से कई सिद्धियां प्राप्त होती हैं.

प्रतिपदा को मंत्र- ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं शैलपुत्र्ये नम:’ की माला दुर्गा जी के चित्र के सामने यशाशक्ति जप कर हवन करने पर सारी मनोकामनाएं पूरी होती है.

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