Shardiya Navratri 2023 : ऐसे करें दुर्गा सप्तशती का पाठ, इन नियमों का पालन है जरूरी

Shardiya Navratri 2023 : शारदीय नवरात्र की 15 अक्टूबर से शुरूआत हो रही है. कलश स्थापना के साथ मां दुर्गा के सभी रूपों की आराधना होगी .आश्विन मास में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो जाती है. इन नौ दिनों तक विधि-विधान से मां के 9 रूपों की पूजा की जाती है.

By Meenakshi Rai | October 13, 2023 11:18 AM
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Shardiya Navratri 2023 : नवरात्रि के नौ दिनों तक पूरे नियमों के साथ मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है और व्रत भी रखा जाता है. नवरात्रि के दसवें दिन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माने जाने वाला पर्व विजय दशमी भी मनाया जाता है.आपको मां दुर्गा को प्रसन्न करने का एक और सबसे महत्वपूर्ण उपाय बताने जा रहे हैं, वह है दुर्गा सप्तशती का पाठ, जो विशुद्ध रूप से मां दुर्गा को समर्पित है जिसमें मां दुर्गा द्वारा राक्षसों का वध करने का तरीका दर्शाया गया है.

मान्यता है कि इन दिनों दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से व्यक्ति की मनोकामना जल्द पूरी होती है. लेकिन, दुर्गा सप्तशती का पाठ अगर सही समय पर किया जाए तो माता रानी की विशेष कृपा प्राप्त होती है.

दुर्गा सप्तशती में 13 अध्याय हैं, जिनको तीन चरित्रों में बांटा गया है.हर अध्याय में मां भगवती की महिमा और उनके रूपों के बारे में वर्णन किया गया है. दुर्गा सप्तशती का प्रथम चरित्र में मधु कैटभ वध कथा, मध्यम में महिषासुर का संहार और उत्तर चरित्र में शुम्भ-निशुम्भ वध और सुरथ एवं वैश्य देवी मां से मिले वरदान का विवरण है. जो लोग दुर्गा सप्तशती का पाठ करना चाहते हैं उन्हें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि सर्वप्रथम कवच, अर्गला और कीलक का पाठ करना चाहिए जिसके बिना पाठ अधूरा माना जाता है.

दुर्गा सप्तशती पाठ का महत्व पुराणों के अनुसार, भगवान शिव ने माता पार्वती से कहा कि जो अर्गला, कालक और कवच का का पाठ करते हैं, उन्हें पुण्य फल की प्राप्ति होती है और संपूर्ण दुर्गा सप्तशती के पाठ का लाभ भी मिलता है.

मान्यतानुसार, कुंजिका स्त्रोत के सिद्ध किए हुए मंत्र को कभी किसी का अहित करने के लिए नहीं प्रयोग करना चाहिए. ऐसा करने से उस व्यक्ति का ही अहित हो सकता है.

दुर्गा सप्तशती का पाठ करने के दौरान शुद्धता का पालन बेहद जरूरी है. इसलिए स्नान करके साफ वस्त्र पहकर ही पाठ करें. कुशा के आसन या ऊन के बने आसन पर बैठकर ही पाठ करें. साथ ही पाठ करते वक्त हाथों से पैर का स्पर्श न करें.

दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से मनोकामना जल्द पूरी होती है. नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती के पाठ से पहले और बाद में नर्वाण मंत्र ”ओं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाये विच्चे” का जाप करना जरूरी होता है.

  • इसके पाठ से हमें शत्रुओं से रक्षा मिलती है.

  • भक्तों के जीवन में सुख-समृद्धि आती है.

  • अच्छा स्वास्थ्य और धन की प्राप्ति होती है .

  • माता रानी भक्तों को मनोकामना पूर्ति का आशीर्वाद देती हैं.

  • प्रतिदिन पाठ करने से उनके जीवन में काले जादू और बाधाओं से मुक्ति मिलती है.

  • कमजोर और कम आत्मविश्वास महसूस करने वाले लोगों को इसका पाठ करना चाहिए क्योंकि दुर्गा मां शक्ति का रूप हैं .

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