Sindoor Applying Rules and Significance: सिंदूर लगाने से पहले जान लें ये जरूरी नियम, नहीं होगी कोई अशुभता

Sindoor Applying Rules and Significance:सिंदूर लगाने के इन नियमों को न करें अनदेखा! सही दिशा, सही तरीका और सही मंत्र के साथ सिंदूर लगाने से जीवन में सुख-शांति बनी रहती है. जानें पूरा विवरण

By Pratishtha Pawar | February 13, 2025 9:00 AM
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Sindoor Applying Rules and Significance: सिंदूर हिंदू संस्कृति में सुहाग का प्रतीक माना जाता है. शादीशुदा महिलाओं के लिए इसे लगाना शुभ और सौभाग्यवर्धक माना जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसे लगाने के कुछ खास नियम होते हैं? यदि इन्हें ध्यान में नहीं रखा जाए तो यह शुभता की जगह अशुभता ला सकता है. आइए जानते हैं सिंदूर लगाने के सही नियम और इसकी महत्ता.

Sindoor Applying Rules and Significance: सिंदूर लगाने के नियम

  1. सिंदूर हमेशा नहाने के बाद लगाएं
    पवित्रता और शुद्धता बनाए रखने के लिए सिंदूर हमेशा स्नान के बाद ही लगाना चाहिए. इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर रहती है और सौभाग्य बना रहता है.
  2. सबके सामने सिंदूर न लगाएं
    मान्यता है कि स्त्रियों को सार्वजनिक रूप से या दूसरों के सामने सिंदूर नहीं लगाना चाहिए. इसे एकांत में और ससम्मान लगाया जाना चाहिए, जिससे दांपत्य जीवन में सकारात्मकता बनी रहे.
  3. सिंदूर लगाने से पहले गौरी माता को अर्पित करें
    सिंदूर को सीधे लगाने की बजाय पहले इसे माता गौरी को अर्पित करें और फिर स्वयं लगाएं. इससे देवी का आशीर्वाद प्राप्त होता है और वैवाहिक जीवन सुखमय बना रहता है.
  4. सिंदूर हमेशा बैठकर और सिर ढककर लगाएं
    धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, खड़े होकर सिंदूर लगाना वर्जित है. इसे हमेशा बैठकर और सिर ढककर लगाना चाहिए, ताकि इसका पूरा शुभ फल प्राप्त हो.
  5. सही दिशा में मुख करके लगाएं सिंदूर
    जब भी सिंदूर लगाएं, तब उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके ही लगाएं. ऐसा करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है और पति की आयु लंबी होती है.
  6. सुहाग लेते समय दुपट्टे या आंचल का करें उपयोग
    जब भी सिंदूर का प्रयोग करें, तब अपने आंचल या दुपट्टे से ढककर करें. ऐसा करने से दांपत्य जीवन में प्रेम बना रहता है और नकारात्मक ऊर्जा पास नहीं आती.
  7. सिंदूर लगाने के समय करें इस मंत्र का जाप
    सिंदूर लगाते समय यदि निम्नलिखित मंत्र का जाप किया जाए, तो यह अत्यंत शुभ फलदायी होता है –

सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरन्ये त्रयम्बिके गौरी नारायणी नमोस्तुते।।

इस मंत्र के जाप से वैवाहिक जीवन में प्रेम, समृद्धि और सुख-शांति बनी रहती है.

सिंदूर केवल एक श्रृंगार नहीं बल्कि धार्मिक आस्था और परंपराओं से जुड़ा हुआ है. यदि इसे सही नियमों के अनुसार लगाया जाए तो यह न केवल पति की दीर्घायु और दांपत्य सुख बढ़ाता है बल्कि सौभाग्य को भी आकर्षित करता है. इसलिए इन नियमों का पालन कर अपने वैवाहिक जीवन को सुखद और मंगलमय बनाएं.

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