बजट बनाना और उसी के अनुसार चलना
हर महीने की शुरुआत में अपनी आय और खर्च का स्पष्ट बजट तैयार करें. सबसे पहले तय करें कि आपको कितने पैसे बचाने है और फिर बाकी पैसे को जरूरी खर्चों के अनुसार बांट दें. बजट बनाने से बेवजह के खर्चों पर रोक लगती है.
बेवजह के खर्चों को पहचानें और कम करें
अक्सर हम ऐसे खर्च कर देते हैं जिनकी असलियत में जरूरत नहीं होती, जैसे बार-बार बाहर खाना, फालतू सब्सक्रिप्शन या ऑनलाइन शॉपिंग. इन खर्चों की पहचान करें और उन्हें कम करें. जब आप इस तरह के छोटे-छोटे बदलाव करते हैं तो इससे बड़ी बचत हो सकती है.
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कैश पेमेंट को बनाएं प्रायोरिटी
डिजिटल पेमेंट या क्रेडिट कार्ड से ज्यादा खर्च करने की आदत लग जाती है. कोशिश करें कि छोटे-मोटे खर्च कैश में करें. कैश पेमेंट से खर्च पर कंट्रोल रहता है और आप सोच-समझकर पैसे खर्च करते हैं.
सेविंग्स को ऑटोमेट करें
जैसे ही सैलरी आपके अकाउंट में आए, एक निश्चित राशि को सेविंग्स अकाउंट या रिकरिंग डिपॉजिट में ट्रांसफर कर दें. जब बचत ऑटोमेटिक हो जाएगी तो खर्च के लिए कम पैसे बचेंगे और आप फिजूलखर्ची से बचेंगे.
बड़ी शॉपिंग से पहले से प्लान करें
अचानक महंगे सामान खरीदने से बजट बिगड़ता है. बड़े खर्चों जैसे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट या गहने खरीदने से पहले उसके लिए अलग से पैसे बचाएं. साथ ही पैसे बचाने के लिए ऑफर्स और सेल के समय खरीदारी करें.
लोन और इंटरेस्ट वाले खर्च कम करें
क्रेडिट कार्ड का ज्यादा इस्तेमाल करने से इंटरेस्ट का बोझ बढ़ता है. समय पर लोन चुकाने की आदत डालें और कोशिश करें कि कर्ज न लें. अगर लोन लेना जरूरी हो तो कम इंटरेस्ट वाले ऑप्शन चुनें.
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