International Moon Day मनाने के पीछे ये है वजह…

20 जुलाई को 1969 को अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रांग और उनके साथी बज़ एल्ड्रिन ने चंद्रमा पर कदम रखा और लगभग 47.5 पाउंड चंद्र सामग्री एकत्र की, जिसे वे पृथ्वी पर अध्ययन के लिए वापस लाए. यह दिन इस ऐतिहासिक मिशन का जश्न मनाता है.

By Shradha Chhetry | July 19, 2023 1:52 PM
an image

हजारों सालो से मनुष्य पृथ्वी का एकमात्र उपग्रह चंद्रमा के उत्पत्ति और उसके रहस्यें के बारे में शोध करने के लिए अंतरिक्ष की यात्रा करती आ रही हैं. जैसे-जैसे चंद्रमा की खोज के सतत प्रयास महत्वाकांक्षी योजनाओं के साथ आकार लेते रहेंगे, यह वैश्विक उत्सव न केवल अतीत में मिली सफलता की याद दिलाएगा बल्कि भविष्य के और सटीक प्रयासों का साक्षी होगा. दिन 20 जुलाई 1969 को 20:17 बजे अपोलो 11 पृथ्वी के एकमात्र उपग्रह पर उतरा था. इस दिन को बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है क्योंकि इस पर लोगों को विश्वास होने लगा था कि एक दिन मनुष्य पूरे ब्रह्मांड की यात्रा कर सकता है.

ये व्यक्ति पहली बार पहुंचे थे चांद पर

हर साल, 20 जुलाई को चंद्रमा दिवस मनाया जाता है. यह दिन उस दिन की याद दिलाता है जब मानव ने पहली बार वर्ष 1969 में चंद्रमा पर कदम रखा था. 20 जुलाई को, अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रांग और उनके साथी बज़ एल्ड्रिन ने चंद्रमा पर कदम रखा और लगभग 47.5 पाउंड चंद्र सामग्री एकत्र की, जिसे वे पृथ्वी पर अध्ययन के लिए वापस लाए. यह दिन न केवल ऐतिहासिक मिशन का जश्न मनाता है बल्कि वैज्ञानिकों को यह आशा भी देता है कि मनुष्य अब अंतरिक्ष में जा सकते हैं. नील आर्मस्ट्रांग के “मनुष्य के लिए एक छोटा कदम” भाषण ने कल्पनाओं को प्रेरित किया और नवाचार को जन्म दिया और आज यह अंतरिक्ष यात्रा पर काम करने वाले लोगों का आधार बन गया है.

आर्मस्ट्रांग ने चंद्र सतह पर बिताया था इतना समय

आर्मस्ट्रांग और एल्ड्रिन ने चंद्र सतह पर 21 घंटे से अधिक समय उस स्थान पर बिताया, जिसका नाम उन्होंने ट्रैंक्विलिटी बेस रखा था, इससे पहले कि वे कोलिन्स को कमांड मॉड्यूल कोलंबिया में फिर से शामिल करने के लिए रवाना हुए. अंतरिक्ष में आठ दिन से अधिक समय बिताने के बाद तिकड़ी 24 जुलाई को पृथ्वी पर लौटी और प्रशांत महासागर में उतरी. नासा द्वारा चंद्रमा पर मानव जाति के पहले कदम को अब तक की सबसे बड़ी तकनीकी उपलब्धि बताया गया था.

चंद्रमा दिवस मनाने की शुरुआत कब हुई

मून विलेज एसोसिएशन ने संयुक्त राज्य अमेरिका से अपोलो 11 मिशन के साथ 1969 में पहली मानव लैंडिंग की सालगिरह, 20 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय चंद्रमा दिवस की घोषणा के लिए यूएन-सीओपीयूओएस 64वें सत्र के दौरान एक आवेदन प्रस्तुत किया. इस उद्घोषणा को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 9 दिसंबर 2021 को मंजूरी दे दी गई. जिसके बाद से 20 जुलाई, 2022 से अंतराष्ट्रीय चंद्रमा दिवस मनाने की शुरुआत हुई.

कब शुरू हुई थी चंद्रमा की खोज

चंद्रमा की खोज तब शुरू हुई जब सोवियत संघ द्वारा लॉन्च किए गए अंतरिक्ष यान लूना 2 ने 14 सितंबर, 1959 को चंद्रमा की सतह पर प्रभाव डाला. पिछले 64 वर्षों में संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे विभिन्न देशों से कई और अंतरिक्ष यान लॉन्च किए गए हैं. चंद्रमा और पृथ्वी से उसके संबंध को बेहतर ढंग से समझने के लिए, रूस, यूरोप, जापान, चीन, भारत और इज़राइल। हालाँकि, 20 जुलाई 1969 को यूनाइट्स स्टेट्स के अपोलो 11 मिशन द्वारा चंद्रमा पर पहली मानव लैंडिंग, इन प्रयासों के शिखर का प्रतिनिधित्व करती है.

इस बार ये है थीम

इस बार अंतर्राष्ट्रीय चंद्रमा दिवस 2023 को ‘मानवता के लिए नई चंद्र यात्रा की शुरुआत’ थीम के आधार पर मनाया जाएगा. अंतर्राष्ट्रीय चंद्रमा दिवस एक वार्षिक कार्यक्रम होगा, जो यूएनओओएसए (UNOOSA) के सहयोग से दुनिया भर में आम जनता के लिए मनाया जाएगा. लोगों को स्थायी चंद्रमा अन्वेषण और चंद्रमा के उपयोग के बारे में सिखाने के लिए कई शैक्षिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजन भी किया जाएगा.

हाल ही में भारत ने लांच किया चंद्रयान

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने चंद्रमा पर अपना तीसरा मिशन चंद्रयान-3 आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया. अभियान के तहत यह यान 41 दिन की अपनी यात्रा में चांद के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र पर एक बार फिर सॉफ्ट लैंडिंग की कोशिश करेगा. बता दें धरती से लेकर चांद की दूरी 3.83 लाख किलोमीटर है और चंद्रयान-3 अपने यात्रा के दौरान फिलहाल पृथ्वी की कक्षा में ही चक्कर काट रहा है.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version