झारखंड के जंगलों का यह है चमत्कारी फल: सिर्फ दो माह मिलता है, फायदे जानकर रह जाएंगे हैरान!
Summer Seasonal Fruits: झारखंड के जंगलों में पाया जाने वाला केंद (कौंदी या वुड एप्पल) एक औषधीय गुणों से भरपूर फल है. जानिए इसके फायदे, पहचान, स्वाद और इससे बनने वाले स्वादिष्ट व्यंजन जैसे शरबत, चटनी और मुरब्बा के बारे में.
By Sameer Oraon | May 27, 2025 6:55 PM
Summer Seasonal Fruits: झारखंड का नाम यहां के जंगल और इस जंगल में पाए जाने वाले प्रकृतिक जड़ी बूटियों वाले पेड़ पौधों के कारण पड़ा. इस जंगल में कई ऐसे फल और फूल हैं जो स्वाद में भी अच्छे होने के साथ साथ सेहत के लिए भी फायदेमंद होते हैं. ऐसा ही एक खास फल है ‘केंद’ (Kend Fruits), जिसे कुछ जगहों पर कौंदी या वुड एप्पल (Wood Apple) भी कहा जाता है.
कब आता है केंद फल?
केंद का फल गर्मियों में थोड़े ही समय के लिए मिलता है. मात्र दो से तीन माह ही यह बाजार में देखने को मिलेगा. इसके बाद इसे खाने के लिए साल भर इंतजार करना पड़ता है. यह फल स्वादिष्ट होने के साथ-साथ सेहत के लिए भी बहुत अच्छा माना जाता है, इसलिए लोग इसे खूब पसंद करते हैं.
इसका छिलका हल्के भूरे रंग का और थोड़ा कठोर होता है.
भले ही इसका छिलका कठोर होता है लेकिन इसे हाथ से आसानी से तोड़ा जा सकता है.
फल का गूदा हल्का भूरा और रेशेदार होता है, उसे ही खाया जाता है. इसका स्वाद हल्का खट्टा-मीठा होता है. इसके बाद सिर्फ बीज बचता है, लेकिन कहा जाता है कि यह बीज भी बेहद फायदेमंद है.
इसकी खुशबू तेज होती है, जो पेड़ के आसपास के इलाके में फैल जाती है.
सेहत के लिए कैसे फायदेमंद है केंद?
इसमें फाइबर, विटामिन C, आयरन और एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में होते हैं.
यह फल शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है.
पाचन और गैस की समस्या में यह राहत देता है.
डायबिटीज के मरीजों के लिए भी यह अच्छा होता है क्योंकि यह ब्लड शुगर कंट्रोल करने में मदद करता है.
यह शरीर को ठंडक भी देता है, खासकर गर्मी के मौसम में.
केंद से बनने वाले स्वादिष्ट व्यंजन
केंद का शरबत – केंद के फल से शरबत तैयार किया जाता है. जो गर्मियों में ठंडक देने के साथ हेल्दी होता है. चटनी – केंद के फल को पीस कर चटनी बनाई जाती है. खाने में जो खाने में खट्टी-मीठी होती है.
मुरब्बा और मिठाइयां – केंद के गूदे से स्वादिष्ट मिठाइयां भी बनाई जाती हैं, जो सेहतमंद होने के साथ बहुत स्वादिष्ट भी होती हैं.