Surya Grahan 2023 Date Time Live: सूर्य ग्रहण खत्म, 5 मई को लगेगा पहला चंद्र ग्रहण

Surya Grahan 2023 First Solar Eclipse April Date Time in India, Grahan Timings Kab Hai, Kab Lagega Surya Grahan Samay: साल का पहला सूर्यग्रहण आज यानी 20 अप्रैल को लगा. सुबह 7:04 बजे से दोपहर 12:29 बजे के बीच सूर्य के कुंडल आकार में बदलने की प्रक्रिया विश्व ने देखी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 20, 2023 12:40 PM
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साल के पहले सूर्य ग्रहण के समाप्त होने के बाद इस वर्ष साल 2023 में पहला चंद्र ग्रहण 5 मई 2023 शुक्रवार के दिन लगने जा रहा है.

सूर्य ग्रहण के समय सूर्य को नग्न आंखों से नहीं देखना चाहिए, साथ ही किसी मंदिर या धार्मिक स्थान पर प्रवेश ना करें. किसी मूर्ति को ना छुएं. तेल मालिश वर्जित होती है, बाल या नाखून भी नहीं काटने चाहिए.

ऐसा माना जाता है ग्रहण खत्म होने के बाद सबसे पहले लोगों को नहाना चाहिए. इससे कहा जाता है कि मन और तन दोनों की शुद्धि होती है. साथ ही ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव भी खत्म हो जाता है. साथ ही नहाने के पानी में गंगा जल जरूर डालना चाहिए.

धार्मिक शास्त्रों में के अनुसार सूर्य ग्रहण के दौरान कुछ भी नहीं खाना चाहिए. स्कंद पुराण में भी उल्लेखित है कि सूर्य ग्रहण के दौरान भोजन करने से सेहत पर गलत असर पड़ता है. यह भी बताया गया है कि सूर्य ग्रहण के समय भोजन करने से सारे पुण्य और कर्म नष्ट हो जाते हैं.  इसलिए ग्रहण के दौरान खाने पीने से परहेज करने की सलाह दी जाती है.

साल का पहला सूर्य ग्रहण लग चुका है. यह सूर्य ग्रहण बेहद खास रहने वाला है, क्योंकि इसके तीन अलग- अलग रूप (आंशिक, पूर्ण और कुंडलाकार) दिखाई देंगे. आंशिक, पूर्ण और कुंडलाकार सूर्य ग्रहण का मिश्रण हाइब्रिड सूर्यग्रहण कहलाता है. विशेषज्ञों का कहना है कि सूर्य ग्रहण की ऐसी स्थिति लगभग 100 साल में एक बार देखने को मिलती है.

साल 2023 का पहला सूर्य ग्रहण लग चुका है. यह ऑस्ट्रेलिया में देखा जा रहा है. यह भारत में नहीं दिखेगा लेकिन अमेरिका, जापान, चीन में इसे देखा जा रहा है. यह एक कंकणाकृति सूर्य ग्रहण है जिसे मिश्रित सूर्य ग्रहण भी कहा जाता है. ज्योतिष में ग्रहण को अशुभ घटनाओं में गिना जाता है. 

यह पूर्ण सूर्य ग्रहण है जो भारत में नहीं दे जा सकता. इस सूर्य ग्रहण में सूर्य, चंद्रमा, राहु और बुध का संयोग बन रहा है. वहीं शनि की दृष्टि भी इस ग्रहण पर है. सूर्य और शनि का प्रभाव होने से आने वाले समय में दुर्घटना की संभावना बन रही है. राजनैतिक उथल पुथल मच सकती है. शेयर बाजार और दुनिया भर की आर्थिक स्थिति डावांडोल हो सकती है. बीमारियां बढ़ेंगी. युद्ध के भी संकेत हैं.

आज इस साल का पहला सूर्य ग्रहण आज यानी वैशाख अमावस्या के दिन लग रहा है. यह सूर्य ग्रहण सुबह 07 बजकर 04 मिनट से शुरू हुआ है और यह दोपहर 12 बजकर 29 मिनट तक रहेगा. इस सूर्य ग्रहण की कुल अवधि पांच घंटे 24 मिनट तक रहेगी.

20 अप्रैल का सूर्य ग्रहण तीन रूपों में दिखाई देगा, जिसको खगोल विज्ञान में हाइब्रिड सूर्य ग्रहण कहा गया है. हाइब्रिड सूर्य ग्रहण आंशिक, पूर्ण और कुंडलाकार सूर्य ग्रहण का मिश्रण होता है. यह सूर्य ग्रहण लगभग 100 साल में एक ही बार देखने को मिलता है. ऐसे सूर्य ग्रहण के समय चंद्रमा की धरती से दूरी न तो ज्यादा होती है और न कम. इस दुर्लभ ग्रहण के दौरान सूर्य कुछ सेकेंड के लिए एक वलय यानी रिंग जैसी आकृति बनाता है, जिसे अग्नि का वलय यानी रिंग ऑफ फायर भी कहा जाता है. 

  • सूर्य ग्रहण के बाद गंगाजल से स्नान करें. पूरे घर और देवी देवताओं को शुद्ध करें. 

  • ग्रहण के दौरान सीधे सूर्य को देखने से बचना चाहिए. 

  • ग्रहण के दौरान बाहर जाने से बचें. साथ ही ध्यान रखें कि आप कोई गलत काम न करें. 

  • ग्रहण के बाद हनुमान जी की उपासना करें.

सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य अपनी उच्च राशि मेष में मौजूद रहेंगे. वहीं सूर्य साथ मेष राशि में ही राहु विराजमान होंगे. इसके अलावा मेष राशि में बुध और मिथुन राशि में मंगलदेव होंगे. वैदिक ज्योतिष शास्त्र में मंगल ग्रह को मेष जबकि बुध ग्रह को मिथुन राशि का स्वामी माना गया है. इस तरह से मंगल और बुध के एक दूसरे की राशि में होने से ग्रहण योग का निर्माण हो रहा है. ग्रहण योग बहुत ही अशुभ माना जाता है. ऐसे में यह कुछ राशि के जातकों के लिए अशुभ हो सकता है.

साल का पहला सूर्य ग्रहण मेष राशि, मिथुन राशि, कर्क राशि पर अशुभ प्रभाव डालेगा. मेष राशि वालों के वैवाहिक जीवन में विवाद बढ़ने की संभावना है. धन हानि के योग हैं, संभलकर रहें. मिथनु राशि वालों पर सूर्य ग्रहण के अशुभ प्रभाव से आत्मविश्वास में कमी आएगी. कपल में विवाद बढ़ने की संभावना है. कर्क राशि के लोगों को आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.

शास्त्रों में ग्रहण की घटना को शुभ नहीं माना जाता है. जब भी ग्रहण की घटना होती है तब कुछ इसका नकारात्मक प्रभाव जरूर पड़ता है. आज लगने वाले साल के पहले सूर्य ग्रहण पर कुछ अशुभ संयोग भी बनेगा.

ग्रहण सुबह 07 बजकर 4 मिनट से शुरू हुआ है जो दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर खत्म हो होगा. भारत में इसके नहीं दिखने के कारण सूतक काल मान्य नहीं है. 

यह सूर्य ग्रहण मेष राशि में लगेगा. इसलिए मेष राशि वाले लोगों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है. इसके साथ ही सूर्य पर राहु-केतु की दृष्टि होने के कारण वृषभ, कन्या, तुला, मकर और मीन राशि वालों की मुश्किलें भी ग्रहण के दौरान बढ़ सकती है.

साल का यह पहला सूर्य ग्रहण मेष राशि और नक्षत्र में लगा है. सूर्य के मेष राशि रहते हुए यह ग्रहण करीब 19 वर्षों पर लग रहा है.

साल का पहला सूर्य ग्रहण शुरू हो चुका है. भारतीय समय के अनुसार आज सुबह करीब 07 बजकर 04 मिनट से सूर्य ग्रहण शुरू हो चुका है. यह सूर्य ग्रहण बहुत ही खास है क्योंकि एक साथ आपको आंशिक, पूर्ण और कुंडलाकार सूर्य देखने को मिलेगा. 

धार्मिक शास्त्रों में के अनुसार सूर्य ग्रहण के दौरान कुछ भी नहीं खाना चाहिए. स्कंद पुराण में भी उल्लेखित है कि सूर्य ग्रहण के दौरान भोजन करने से सेहत पर गलत असर पड़ता है. यह भी बताया गया है कि सूर्य ग्रहण के समय भोजन करने से सारे पुण्य और कर्म नष्ट हो जाते हैं.  इसलिए ग्रहण के दौरान खाने पीने से परहेज करने की सलाह दी जाती है.

सूर्य ग्रहण सुबह 07 बजकर 05 मिनट पर शुरू हो चुका है. यह ग्रहण दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगा. सूर्य ग्रहण की कुल अवधि 5 घंटे 24 मिनट की रहने वाली है. यह ग्रहण वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को अश्विनी नक्षत्र में मेष राशि में लग रहा है.

  • सूर्य ग्रहण के बाद गंगाजल से स्नान करें. पूरे घर और देवी देवताओं को शुद्ध करें. 

  • ग्रहण के दौरान सीधे सूर्य को देखने से बचना चाहिए. 

  • ग्रहण के दौरान बाहर जाने से बचें. साथ ही ध्यान रखें कि आप कोई गलत काम न करें. 

  • ग्रहण के बाद हनुमान जी की उपासना करें.

ऑस्ट्रेलिया में यह दिखना शुरू हो गया है. यह भारत में नहीं दिखेगा लेकिन बहुत सारे देशों में इसे देखा जा सकेगा. सूर्य ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पहले शुरू हो चुका है.

  • Time and Date: https://www.youtube.com/watch?v=ifILl7GeZpE

  • NASA: https://www.youtube.com/watch?v=S2U3a1xXv8k

  • Science Centre Singapore: https://www.youtube.com/watch?v=PoHyQNASZ4c

2023 का हाइब्रिड सूर्य ग्रहण शुरू हो गया है, और यह अपने आंशिक चरण में है जैसा कि ऊपर लाइव स्ट्रीम में ऑस्ट्रेलिया के एक्समोथ शहर के दक्षिण से देखा गया है.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, आखिरी हाइब्रिड सूर्य ग्रहण नवंबर 2013 में हुआ था और अगला नवंबर 2031 में होने वाला है. उसके बाद, इंतजार वास्तव में लंबा होने वाला है – हाइब्रिड सूर्य ग्रहण 2031 के बाद मार्च 2164 में ही होने वाला है.

सूर्य ग्रहण सुबह 07 बजकर 05 मिनट पर शुरू हो चुका है. यह ग्रहण दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगा. सूर्य ग्रहण की कुल अवधि 5 घंटे 24 मिनट की रहने वाली है. यह ग्रहण वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को अश्विनी नक्षत्र में मेष राशि में लगेगा.

NASA और  Timeanddate.com दोनों ने सूर्य ग्रहण के दीदार के लिए लाइव स्ट्रीम लिंक जारी किया है. इसके जरिए दुनिया भर के लोग इस अद्भुत खगोलीय घटना को देख सकेंगे. इसके अलावा आप ‘Royal Observatory Greenwich’ के यूट्यूब चैनल पर भी सूर्य ग्रहण को लाइव देख सकते हैं. 

20 अप्रैल को लगने वाला सूर्य ग्रहण सुबह 07 बजकर 05 मिनट पर लगेगा. यह ग्रहण दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगा. सूर्य ग्रहण की कुल अवधि 5 घंटे 24 मिनट की रहने वाली है.

इस साल का पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल 2023 को वैशाख अमावस्या पर लगेगा. लेकिन इस ग्रहण को भारत में नहीं देखा जा सकेगा. इसलिए इसका सूतक मान्य नही होगा. ऐसे में स्नान, दान, पूजा,  पितरो का पिंडदान-तर्पण आदि जैसे सभी कार्य किए जा सकेंगे.

20 अप्रैल को लगने वाला सूर्य ग्रहण बेहद खास रहने वाला है क्योंकि 19 साल बाद सूर्य ग्रहण मेष राशि में लगने जा रहा है. साथ ही ये सूर्य ग्रहण हाइब्रिड होगा क्योंकि यह तीन रूपों आंशिक, पूर्ण और कुंडलाकार में दिखेगा. ऐसा संयोग 100 साल बाद आया है जब एक ही ग्रहण में 3 ग्रहण का नजारा देखा जा सकेगा.

ग्रहण के दौरान खाने-पीने की चीजों में तुलसी का पत्ता रख देने से उसपर ग्रहण का प्रभाव नहीं पड़ता. वहीं ग्रहण के वक्त तुलसी के पत्ते से अगर एक काम किया जाए तो आपके किस्मत के रास्ते खुल जाते हैं.

जानकारों की माने तो तुलसी में पारा होता है. इस पत्ते को खाने की चीजों में डालने से ग्रहण के दौरान निकलने वाली खतरनाक किरण पारा के ऊपर से गुजर जाती है और खाने की चीजों पर हानिकारक असर नहीं पड़ता है. इसलिए खाने में तुलसी का पत्ता रखने की परंपरा बरसों से चलती आ रही है.

तमोमय महाभीम सोमसूर्यविमर्दन।

हेमताराप्रदानेन मम शान्तिप्रदो भव॥


इस मंत्र का जाप राहु और केतु के आह्वान और उनसे शांति प्रदान करने की कामना के लिए किया जाता है. शास्त्रों में बताया गया है कि राहु-केतु की बुरी दृष्टि पड़ने पर व्यक्ति के जीवन में अस्थिरता आ जाती है. इनके प्रभाव को कम करने के लिए ग्रहण के दौरान मंत्रोच्चारण जरूर करें.

तुलसी दल को पवित्र माना जाता है.इसके साथ ही यह नकारात्मक ऊर्जा से भी बचाव करती है.इसलिए ग्रहण से पहले ही खाने-पीने की चीजों में तुलसी की कुछ पत्तियां डाल दें, जिससे भोजन में किसी भी प्रकार के दुष्प्रभाव न पड़े और उसे बाद में खा सके.

सूर्य ग्रहण लगने के दौरान थकान और सुस्ती महसूस करना, आंखों पर इसका गलत प्रभाव, पाचनतंत्र पर बुरा प्रभाव पड़ता है और इसी के साथ मानसिक प्रभाव भी पड़ता है.


ग्रहण के दौरान मंत्र का जाप करना चाहिए और ग्रहण समाप्त होने के बाद गंगाजल से पूरे घर का छिड़काव करना चाहिए.

ग्रहण का मोक्ष यानी पूरा समय होने के बाद मकान, दुकान, प्रतिष्ठान की साफ सफाई कर अच्छे से धुलाई करें. संभव हो तो पूरे घर को नमक के पानी से धोएं. इसके बाद खुद भी स्नान कर देवी देवताओं को स्नान कराएं. इसके बाद खाद्य पदार्थों पर गंगाजल छिड़क कर उनको शुद्ध करें. ग्रहण के प्रभाव सभी तरह के ग्रहण यानि सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण पर लागू होते हैं. ग्रहण के बाद खुद भी स्नान करें और देवी-देवताओं को भी स्नान कराएं. खाने की चीजों पर गंगाजल छिड़क कर उन्हें शुद्ध करें और उसके बाद ही ग्रहण करें.

इस बार वैसाख अमावस्या 20 अप्रैल 2023 (गुरुवार) को आ रही है.इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग तथा प्रीति योग भी बन रहे हैं और शनि जयंती भी है.

यह सूर्य ग्रहण मेष राशि में लगेगा. इसलिए मेष राशि वाले लोगों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है. इसके साथ ही सूर्य पर राहु-केतु की दृष्टि होने के कारण वृषभ, कन्या, तुला, मकर और मीन राशि वालों की मुश्किलें भी ग्रहण के दौरान बढ़ सकती है.

20 अप्रैल को लगने वाला सूर्य ग्रहण बेहद खास रहने वाला है क्योंकि 19 साल बाद सूर्य ग्रहण मेष राशि में लगने जा रहा है. साथ ही ये सूर्य ग्रहण हाइब्रिड होगा क्योंकि यह तीन रूपों आंशिक, पूर्ण और कुंडलाकार में दिखेगा. ऐसा संयोग 100 साल बाद आया है जब एक ही ग्रहण में 3 ग्रहण का नजारा देखा जा सकेगा.

प्रेगनेंट महिलाओं को ग्रहण के समय तेज धार वाली, या नुकीली चीजों को हाथ में नहीं लेना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि इसका असर बच्चे पर पड़ता है, हो सके तो ग्रहण काल में इन चीजों से दूर रहें. साथ ही ग्रहण के समय सोना वर्जित है. आपको उठकर सीधा बैठना चाहिए और मंत्र जाप करना चाहिए. ग्रहण के समय लेटना भी मना है

धार्मिक की मान्यताओं के अनुसार सूर्य और चंद्र ग्रहण के वक्त भोजन पकाना और खाना नहीं करना चाहिए. पुराणों में माना जाता है कि जो व्यक्ति इस दौरान अन्न खाता है उसे नरक की यातनाएं भोगनी पड़ती हैं.

प्रेगनेंट महिलाओं इस दिन सूर्य देव के दर्शन ना करें. इस दिन गर्भवती महिलाओं को अपने आप को सूर्य की किरणों से बचाना चाहिए. नहीं तो किरणों से होने वाले शिशु पर असर बड़ सकता है. यदि किसी परिस्थिति में घर के बाहर जाना पड़ जाए तो पेट पर गेरु लगाकर बाहर निकलें.

इस साल का पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल 2023 को वैशाख अमावस्या पर लगेगा. लेकिन इस ग्रहण को भारत में नहीं देखा जा सकेगा. इसलिए इसका सूतक मान्य नही होगा. ऐसे में स्नान, दान, पूजा,  पितरो का पिंडदान-तर्पण आदि जैसे सभी कार्य किए जा सकेंगे.

यह सूर्य ग्रहण मेष राशि में लगेगा. इसलिए मेष राशि वाले लोगों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है. इसके साथ ही सूर्य पर राहु-केतु की दृष्टि होने के कारण वृषभ, कन्या, तुला, मकर और मीन राशि वालों की मुश्किलें भी ग्रहण के दौरान बढ़ सकती है.

तुलसीदल, जौ, गंगाजल, कुश और तिल ये पांच चीजें ग्रहण के दौरान भी पवित्र रहती हैं और इनका इस्तेमाल किया जा सकता है. 

सूर्य ग्रहण ग्रहण में नकारात्मक ऊर्जा तेजी से बढ़ती है. इसलिए इस दौरान खाने-पीने, पूजा-पाठ करने जैसे कई काम वर्जित माने जाते हैं.

सूर्य ग्रहण गुरुवार सुबह 07:04 मिनट से शुरू होगा और दोपहर 12:29 मिनट पर ग्रहण समाप्त हो जाएगा. सूर्य ग्रहण की कुल अवधि 5 घंटे 24 मिनट की होगी.

सूर्य ग्रहण शुरू होने से 12 घंटे पहले सूतक लग जाता है. इस दौरान मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं. साथ ही शुभ-मांगलिक कार्य या पूजा-पाठ करना वर्जित होता है. सूतक काल के दौरान ग्रहण के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए मंत्रों का जाप करते रहना चाहिए. ग्रहण की समाप्ति के बाद सूतक काल स्वत: खत्म हो जाता है.

20 अप्रैल को लगने वाला सूर्य ग्रहण अत्यंत दुर्लभ प्रकार का है. ऐसा संयोग 100 साल बाद आया है जब एक ही दिन में 3 प्रकार के सूर्य ग्रहण दिखाई देंगे. सूर्य ग्रहण तीन प्रकार के आंशिक, वलयाकार और पूर्ण सूर्य ग्रहण होते हैं. आपको बता दें कि 20 अप्रैल को लगने वाले सूर्य ग्रहण कंकणाकृति सूर्य ग्रहण होगा, इसे हाइब्रिड सूर्य ग्रहण कहा जाता हैं. खगोल विज्ञान के अनुसार कंकणाकृति ग्रहण में सूर्य आंशिक , कुंडलाकार और पूर्ण सूर्य ग्रहण दिखाई देता है. हाइब्रिड ग्रहण एक कुंडलाकार सूर्य ग्रहण के रूप में शुरू होता है फिर धीरे-धीरे यह पूर्ण सूर्य ग्रहण में परिवर्तित हो जाता है और फिर वापस कुंडलाकार सूर्य ग्रहण में बदल जाता है.

2023 में कुल चार ग्रहण पड़ेंगे, जिनमें दो चंद्र ग्रहण और दो सूर्य ग्रहण शामिल हैं. सूर्य ग्रहण देखते समय, सुरक्षा सावधानी बरतना महत्वपूर्ण है क्योंकि वे आंखों को स्थायी रूप से नुकसान पहुंचा सकते हैं और अंधेपन का कारण बन सकते हैं. नासा 14-शेडेड वेल्डिंग ग्लास, ब्लैक पॉलीमर या एल्युमिनाइज्ड माइलर जैसे उपयुक्त फिल्टर का उपयोग करने का सुझाव देता है. एक अन्य विकल्प दूरबीन के माध्यम से सूर्य को देखने के लिए एक टेलीस्कोप का उपयोग करना है.

ऑनलाइन देख सकते हैं सूर्य ग्रहण आप Timeanddate.com पर सूर्य ग्रहण को लाइव देख सकते हैं. ग्रहण की लाइव स्ट्रीमिंग वेबसाइट और YouTube चैनल दोनों पर होगी.

हिंदू धर्म में ग्रहण को बेहद महत्वपूर्ण माना गया है. इसमें भगवान की पूजा, ठोस और तरल भोज्य पदार्थ खाना, भोजन पकाना, घर से बाहर निकलना, मांगलिक या शुभ कार्य और उससे संबंधित खरीदारी नहीं करने की सलाह दी जाती है. ऐसा करने पर दोष लगता है. सूर्य ग्रहण और सूतक काल में धार्मिक और शूभ कार्य करना वर्जित होता है. 

20 अप्रैल को लगने वाला सूर्य ग्रहण अत्यंत दुर्लभ प्रकार का है. ऐसा संयोग 100 साल बाद आया है जब एक ही दिन में 3 प्रकार के सूर्य ग्रहण दिखाई देंगे. सूर्य ग्रहण तीन प्रकार के आंशिक, वलयाकार और पूर्ण सूर्य ग्रहण होते हैं. आपको बता दें कि 20 अप्रैल को लगने वाले सूर्य ग्रहण कंकणाकृति सूर्य ग्रहण होगा, इसे हाइब्रिड सूर्य ग्रहण कहा जाता हैं. खगोल विज्ञान के अनुसार कंकणाकृति ग्रहण में सूर्य आंशिक , कुंडलाकार और पूर्ण सूर्य ग्रहण दिखाई देता है. हाइब्रिड ग्रहण एक कुंडलाकार सूर्य ग्रहण के रूप में शुरू होता है फिर धीरे-धीरे यह पूर्ण सूर्य ग्रहण में परिवर्तित हो जाता है और फिर वापस कुंडलाकार सूर्य ग्रहण में बदल जाता है.

यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा लेकिन कंबोडिया, चीन, अमेरिका, माइक्रोनेशिया, मलेशिया, फिजी, जापान, समोआ, सोलोमन, बरूनी, सिंगापुर, थाईलैंड, अंटार्कटिका, ऑस्ट्रेलिया, वियतनाम, ताइवान, पापुआ न्यू गिनी, इंडोनेशिया, फिलीपींस, दक्षिण हिंद महासागर, दक्षिण प्रशांत सागर, और न्यूजीलैंड में देखा जा सकेगा.

धार्मिक रूप से ग्रहण लगने की घटना को अशुभ माना जाता है. कहते हैं इस दौरान गर्भवती महिलाओं को अपना विशेष ध्यान रखना चाहिए. सूर्य ग्रहण के सूतक काल लगने से ग्रहण खत्म होने तक प्रेग्नेंट महिलाएं घर से बाहर बिल्कुल न निकले, नुकीली चीजें जैसे कैंची, चाकू, आदि का इस्तेमाल गलती से भी न करें. गर्भवती महिलाएं भोजन कर सकती हैं लेकिन सूतक से पहले भोजन में तुलसी पत्र जरुर डाल लें. इस दौरान मंत्रों का जाप करते रहें. ऐसा करने से सूर्य ग्रहण का अशुभ प्रभाव कम होता है.

साल 2023 का पहला सूर्य ग्रहण मेष और अश्विनी नक्षत्र में लग रहा है इससे मेष राशि के जातकों पर इसका सबसे ज्यादा प्रभाव दिखेगा. साल के पहले सूर्य ग्रहण में वृष राशि, धनु राशि, मीन राशि के जातकों के लिए शुभ रहेगा. धनु राशि वालों की धन में वृद्धि होगी, अटके काम पूरे होंगे. मीन राशि वालों को कार्य में सफलता मिलेगी, जबकि वृषभ राशि वालों को व्यापार में लाभ ही लाभ मिलेगा.

साल का पहला सूर्य ग्रहण मेष राशि, मिथुन राशि, कर्क राशि पर अशुभ प्रभाव डालेगा. मेष राशि वालों के वैवाहिक जीवन में विवाद बढ़ने की संभावना है. धन हानि के योग हैं, संभलकर रहें. मिथनु राशि वालों पर सूर्य ग्रहण के अशुभ प्रभाव से आत्मविश्वास में कमी आएगी. कपल में विवाद बढ़ने की संभावना है. कर्क राशि के लोगों को आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.

ऑनलाइन देख सकते हैं सूर्य ग्रहण आप Timeanddate.com पर सूर्य ग्रहण को लाइव देख सकते हैं. ग्रहण की लाइव स्ट्रीमिंग वेबसाइट और YouTube चैनल दोनों पर होगी.

नासा का कहना है कि सूर्य ग्रहण को बिना आंखों की सुरक्षा के देखने से आंखों को स्थायी नुकसान हो सकता है जिससे अंधापन भी हो सकता है. इसलिए, सूर्य ग्रहण (solar eclipse) को देखने के लिए, ब्लैक पॉलीमर, एल्युमिनाइज्ड माइलर, या शेड नंबर 14 के वेल्डिंग ग्लास जैसे उचित फिल्टर का उपयोग किया जा सकता है. इसके अलावा, आप टेलीस्कोप द्वारा व्हाइटबोर्ड पर सूर्य की छवि को प्रक्षेपित करके आसानी से सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) देख सकते हैं.

2023 में कुल चार ग्रहण पड़ेंगे, जिनमें दो चंद्र ग्रहण और दो सूर्य ग्रहण शामिल हैं. सूर्य ग्रहण देखते समय, सुरक्षा सावधानी बरतना महत्वपूर्ण है क्योंकि वे आंखों को स्थायी रूप से नुकसान पहुंचा सकते हैं और अंधेपन का कारण बन सकते हैं. नासा 14-शेडेड वेल्डिंग ग्लास, ब्लैक पॉलीमर या एल्युमिनाइज्ड माइलर जैसे उपयुक्त फिल्टर का उपयोग करने का सुझाव देता है. एक अन्य विकल्प दूरबीन के माध्यम से सूर्य को देखने के लिए एक टेलीस्कोप का उपयोग करना है.

ग्रहण का मोक्ष यानी पूरा समय होने के बाद मकान, दुकान, प्रतिष्ठान की साफ सफाई कर अच्छे से धुलाई करें. संभव हो तो पूरे घर को नमक के पानी से धोएं. इसके बाद खुद भी स्नान कर देवी देवताओं को स्नान कराएं. इसके बाद खाद्य पदार्थों पर गंगाजल छिड़क कर उनको शुद्ध करें. ग्रहण के प्रभाव सभी तरह के ग्रहण यानि सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण पर लागू होते हैं.
ग्रहण के बाद खुद भी स्नान करें और देवी-देवताओं को भी स्नान कराएं. खाने की चीजों पर गंगाजल छिड़क कर उन्हें शुद्ध करें और उसके बाद ही ग्रहण करें.

ऑनलाइन देख सकते हैं सूर्य ग्रहण आप Timeanddate.com पर सूर्य ग्रहण को लाइव देख सकते हैं. ग्रहण की लाइव स्ट्रीमिंग वेबसाइट और YouTube चैनल दोनों पर होगी.

साल का पहला सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा यह कंबोडिया, चीन, अमेरिका, माइक्रोनेशिया, मलेशिया, फिजी, जापान, समोआ, सोलोमन, बरूनी, सिंगापुर, थाईलैंड, अंटार्कटिका, ऑस्ट्रेलिया, वियतनाम, ताइवान, पापुआ न्यू गिनी, इंडोनेशिया, फिलीपींस, दक्षिण हिंद महासागर, दक्षिण प्रशांत सागर, और न्यूजीलैंड में आसानी से देखा जा सकेगा.

अप्रैल में लगने वाला सूर्य ग्रहण बहुत ही खास है. इसकी वजह यह है कि 19 साल बाद सूर्य ग्रहण मेष राशि में लगने जा रहा है. साथ ही ये सूर्य ग्रहण हाइब्रिड सूर्य ग्रहण होगा और तीन रूपों आंशिक, पूर्ण और कुंडलाकार तीनों रूपों में देखा जा सकेगा. ऐसा संयोग 100 साल बाद बन रहा है जब एक ही दिन में 3 तरह का सूर्य ग्रहण दिखेगा. 

  • सूतक काल से ग्रहण काल के दौरान तक गर्भवती स्त्रियां चाकू, कैंची आदि किसी भी नुकीली चीज का इस्‍तेमाल न करें. न ही सिलाई-कढ़ाई करें.

  • सूर्य ग्रहण के दौरान वे घर से बाहर न निकलें. अपने पेट के हिस्से पर गेरू लगाएं. मान्यता है ऐसा न करने पर गर्भ में पल रहे बच्चे को नुकसान हो सकता है.

  • सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को सब्जी काटने या फिर अन्य किसी यंत्र का प्रयोग नहीं करना चाहिए, क्योंकि मान्यता है कि ऐसा करने पर बच्चे में शारीरिक विकृति आती है.

नासा का कहना है कि सूर्य ग्रहण को बिना आंखों की सुरक्षा के देखने से आंखों को स्थायी नुकसान हो सकता है जिससे अंधापन भी हो सकता है. इसलिए, सूर्य ग्रहण (solar eclipse) को देखने के लिए, ब्लैक पॉलीमर, एल्युमिनाइज्ड माइलर, या शेड नंबर 14 के वेल्डिंग ग्लास जैसे उचित फिल्टर का उपयोग किया जा सकता है. इसके अलावा, आप टेलीस्कोप द्वारा व्हाइटबोर्ड पर सूर्य की छवि को प्रक्षेपित करके आसानी से सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) देख सकते हैं.

हाइब्रिड सूर्य ग्रहण या ‘वार्षिक रिंग ऑफ फायर’ ग्रहण भारतीय और प्रशांत महासागरों में केवल कुछ सेकंड के लिए ही देखा जा सकेगा. यह जमीन पर कहीं दिखाई नहीं देगा. कुल ग्रहण केवल तीन स्थानों में दिखाई देगा जिनमें एक्समाउथ, पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया, तिमोर लेस्ते और पश्चिम पापुआ शामिल हैं.

ग्रहण काल के दौरान सोना भी निषिद्ध माना गया है इसलिए इस समय भूलकर भी नहीं सोना चाहिए. विशेष परिस्थितियों में या वृद्ध एवं बच्चों के लिए सोने का नियम मान्य नहीं है.

साल 2023 का पहला सूर्य ग्रहण बहुत कम स्थानों से ही देखा जा सकेगा. ऑस्ट्रेलिया, पूर्व और दक्षिण एशिया, प्रशांत महासागर, अंटार्कटिका और हिंद महासागर में दिखेगा. इन जगहों से सूर्य में होने वाले पर्विरतन का देखा जा सकेगा. जबकि भारत में यह ग्रहण बिल्कुल भी नजर नहीं आयेगा.

2023 में कुल चार ग्रहण पड़ेंगे, जिनमें दो चंद्र ग्रहण और दो सूर्य ग्रहण शामिल हैं. सूर्य ग्रहण देखते समय, सुरक्षा सावधानी बरतना महत्वपूर्ण है क्योंकि वे आंखों को स्थायी रूप से नुकसान पहुंचा सकते हैं और अंधेपन का कारण बन सकते हैं. नासा 14-शेडेड वेल्डिंग ग्लास, ब्लैक पॉलीमर या एल्युमिनाइज्ड माइलर जैसे उपयुक्त फिल्टर का उपयोग करने का सुझाव देता है. एक अन्य विकल्प दूरबीन के माध्यम से सूर्य को देखने के लिए एक टेलीस्कोप का उपयोग करना है.

ग्रहण के दौरान महामृत्युंजय मंत्र या भगवान शिव के नाम का जाप करें. ग्रहण खत्म होने के बाद फिर से नहाना चाहिए. ग्रंथों के अनुसार ऐसा करना जरूरी है.

ग्रहण के बुरे प्रभावों से बचने के लिए महा मृत्युंजय मंत्र का जाप करें. ग्रहणकाल के बाद गंगाजल छिड़क कर घर का शुद्धिकरण कर लें. सूर्य ग्रहण के अगले दिन धनु संक्रांति है तो आप सूर्य से संबंधित कोई वस्तु दान करें. आप अगले दिन तांबा, गेहूं, गुड़, लाल वस्त्र और तांबे की कोई वस्तु दान कर सकते हैं.

ग्रहण काल ​​के दौरान, कई प्रकार की अशुद्ध और हानिकारक किरणें निकलती हैं. तो, कुछ कार्य हैं जिन्हें ग्रहण काल ​​के दौरान किया जाना चाहिए

ग्रहण काल में खाना-पीना, शोर मचाना या किसी भी प्रकार का शुभ कार्य जैसे पूजा-पाठ आदि नहीं करना चाहिए. वहीं, सूतक लगने के बाद से ही गर्भवती स्त्रियों को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए. क्योंकि सूर्य से निकलने वाली पराबैगनी किरणें गर्भस्थ शिशु के लिए हानिकारक होती हैं.

सूर्य ग्रहण के दिन भी दान का बहुत महत्व होता है. शास्त्रों के अनुसार सूर्य ग्रहण के दौरान किया गया दान राहु, केतु और शनि के गलत प्रभावों को भी सही करता है.

20 अप्रैल को लगने वाला यह ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा जिस कारण से इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा. हालांकि इस सूर्य ग्रहण का प्रभाव हर एक राशि के जातकों के जीवन पर अवश्य ही पड़ेगा.

हाइब्रिड सूर्य ग्रहण या ‘वार्षिक रिंग ऑफ फायर’ ग्रहण भारतीय और प्रशांत महासागरों में केवल कुछ सेकंड के लिए ही देखा जा सकेगा. यह जमीन पर कहीं दिखाई नहीं देगा. कुल ग्रहण केवल तीन स्थानों में दिखाई देगा जिनमें एक्समाउथ, पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया, तिमोर लेस्ते और पश्चिम पापुआ शामिल हैं.

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