Vidur Niti: इन चीजों को कभी नहीं मिलती संतुष्टि, विदुर ने बताया जीवन का रहस्य
Vidur Niti: महात्मा विदुर की नीतियों और बुद्धिमत्ता को एक ग्रंथ में संग्रहीत किया गया है, जो कि विदुर नीति के नाम से जाना जाता है. इस ग्रंथ में समाज, धर्म, राजनीति और निजी संबंधों से जुड़े कई विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई है, जो कि आज भी उतनी ही लोकप्रिय है, जितनी महाभारत काल में थी.
By Shashank Baranwal | April 2, 2025 8:12 AM
Vidur Niti: महात्मा विदुर महाभारत के एक प्रमुख पात्र हैं, जो कि अपनी अद्भुत बुद्धिमानी, धर्मनिष्ठा और न्यायप्रियता के लिए जाने जाते हैं. उनका जन्म एक दासी के गर्भ से हुआ था, जिसकी वजह से वे सम्मान नहीं मिला जो उनके सौतेले भाइयों पांडु और धृतराष्ट्र को मिला था. इसके बाद भी वे अपनी नीति, धर्म और न्यायप्रियता के कारण राज दरबार में उच्च स्थान प्राप्त करने में सफल रहे थे. महात्मा विदुर की नीतियों और बुद्धिमत्ता को एक ग्रंथ में संग्रहीत किया गया है, जो कि विदुर नीति के नाम से जाना जाता है. इस ग्रंथ में समाज, धर्म, राजनीति और निजी संबंधों से जुड़े कई विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई है, जो कि आज भी उतनी ही लोकप्रिय है, जितनी महाभारत काल में थी. उन्होंने ऐसी कई बातें बताई हैं, जो कि जीवन में सकारात्मक विचार लाने का काम करता है. इसके अलावा, उन्होंने यह भी बताया है कि जीवन में कुछ चीजों की इच्छा कभी पूरी नहीं होती है.
महात्मा विदुर कहते हैं कि ईंधन से आग की तृप्ति कभी पूरी नहीं होती है. आग में चाहे जितना ईंधन डालो, वह आग को सिर्फ भड़काती ही है. उसे कम नहीं करती है. कुछ चीजें होती हैं, जो कि एक समय के बाद उसमें ढलान की स्थिति होती है.
विदुर नीति के अनुसार, आग की तरह समुद्र की भी तृप्ति नदियों से कभी नहीं पूरी होती है. समुद्र में चाहे जितनी नदियों का पानी गिरे, लेकिन उसकी प्यास कभी नहीं बुझेगी. समुद्र में नदियों का पानी मिलने से समुद्र को कभी संतुष्टि नहीं मिलती है.
महात्मा विदुर कहते हैं कि मृत्यु की भी तृप्ति इंसानों के मौत से पूरी नहीं होती है. रोजाना कई लोगों अपने लोगों को छोड़कर चले जाते हैं, लेकिन मृत्यु को कभी संतुष्टि नहीं मिलती है.
विदुर नीति के मुताबिक, इन तीनों की तरह चरित्रहीन और व्यभिचारिणी महिलाओं की तृप्ति दूसरे पुरुषों से कभी नहीं पूरी होती है. चरित्र से हीन स्त्रियों को अपनी संतुष्टि मिटाने के लिए दूसरे पुरुषों के पास जाना ही पड़ता है.