Bihar Tourism: क्यों खास है बिहार का विष्णुपद मंदिर, जानिए पूरी डिटेल
Bihar Tourism: बिहार के गया में स्थित विष्णुपद मंदिर में पितृपक्ष के दौरान भीड़ जुटती है. बड़ी संख्या में लोग अपने पितरों को मोक्ष दिलाने विष्णुपद मंदिर पहुंचते हैं. तो चलिए आज हम आपको बताते हैं विष्णुपद मंदिर से जुड़े कुछ रोचक तथ्य.
By Rupali Das | July 31, 2024 12:09 PM
Bihar Tourism: बिहार राज्य में मौजूद प्राचीन मंदिर, शिलालेख और ऐतिहासिक जगहें, इसे खास बनाते हैं. यहां अलग-अलग धर्म के प्रमुख तीर्थ स्थल भी मौजूद हैं जिनमें बोधगया, तख्त श्री हरमंदिर साहिब, विष्णुपद मंदिर और मां चंडिका स्थान सहित कई दर्शनीय स्थल शामिल हैं. इन्हीं पवित्र जगहों में से एक है गया का विष्णुपद मंदिर. यह मंदिर अपने आध्यात्मिक महत्व के साथ देश-विदेश के पर्यटकों के बीच आकर्षण का केंद्र है. अगर आप भी बिहार के प्राचीन मंदिरों को एक्सप्लोर करना चाहते हैं तो जरूर आएं विष्णुपद मंदिर.
बिहार के गया जिले में फल्गु नदी के किनारे स्थित विष्णुपद मंदिर, धर्मशिला के नाम से भी प्रसिद्ध है. यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित हिंदू धर्म के लोगों के आस्था का केंद्र है. इस मंदिर के गर्भ गृह में एक ठोस चट्टान पर भगवान विष्णु के दाहिने पैर का चिन्ह उत्कीर्ण है. भगवान विष्णु का यह पदचिह्न 40 सेंटीमीटर लंबा है, जो चांदी से सुसज्जित है. इस पदचिह्न में शंख, गदा और चक्र सहित नौ प्रतीक हैं. पौराणिक मान्यताओं के आधार पर कहा जाता है कि यह प्रतीक भगवान विष्णु के अस्त्रों के प्रतीक हैं.
भव्य और अद्भुत विष्णुपद मंदिर का निर्माण सोने को कसने वाले कसौटी पत्थर से किया गया है, जिसकी ऊंचाई करीब 100 फीट है. इस मंदिर में लगे 44 पिलर और इसका अष्टकोणीय आकार लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं. विष्णुपद मंदिर हिंदुओं के पवित्र धामों में से एक है.
बिहार का गया जिला धार्मिक दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण है. इस जगह का नाम एक राक्षस गयासुर के नाम पर गया पड़ा है. गयासुर ने वरदान प्राप्त किया था कि उसे देखने वाले हर इंसान को मोक्ष मिलेगा. इसके कारण गलत लोगों को भी गयासुर को देखकर मोक्ष की प्राप्ति होने लगी. इन सबसे मानवता को बचाने के लिए भगवान विष्णु ने गयासुर के सिर पर अपना दाहिना पैर रखकर उसे पाताल भेज दिया. इसी निशान को आज भी विष्णुपद मंदिर में संरक्षित कर रखा गया है. यही कारण है यहां पितरों का तर्पण करने के बाद लोग भगवान विष्णु के चरणों का दर्शन करते हैं. इससे उनके पूर्वजों को मोक्ष मिलता है और व्यक्ति के सभी दुखों का नाश होता है.
पितृपक्ष के दौरान देश- देश-विदेश से लोग विष्णुपद मंदिर अपने पितरों का तर्पण करने आते हैं. यहां तर्पण करने से लोगों के पूर्वजों को पुण्यलोक की प्राप्ति होती है. यह मंदिर हिंदुओं के प्रमुख धार्मिक केंद्रों में से एक है.