Jharkhand Tourism: सावन में इन शिव मंदिरों में उमड़ती है भक्तों की भीड़, जरूर करें दर्शन

Jharkhand Tourism: झारखंड में बाबा बैद्यनाथ धाम से लेकर आमरेश्वर धाम तक कई प्रसिद्ध शिव मंदिर हैं. यहां सावन के दौरान श्रद्धालु बाबा पर जल चढ़ाने आते हैं. इस दौरान विशेष कांवड़ यात्रा का भी आयोजन होता है. तो आइए जानते हैं झारखंड में मौजूद कुछ प्रसिद्ध शिव मंदिरों के बारे में.

By Rupali Das | July 26, 2024 9:30 AM
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Jharkhand Tourism: सावन महीना शुरू होते ही भगवान शिव के मंदिरों में भक्तों की भीड़ नजर आने लगी है. देश के कोने-कोने से लोग विभिन्न शिवालयों में बाबा का जलाभिषेक करने आ रहे हैं. झारखंड में भी सावन का रंग देखने को मिल रहा है. 22 जुलाई से भगवान भोलेनाथ का पवित्र श्रावण मास शुरू हो गया है. इस अवसर पर झारखंड के विभिन्न शिव मंदिरों में श्रद्धालु बाबा का दर्शन-पूजन करने पहुंच रहे हैं. अगर आप भी सावन माह में झारखंड के प्रसिद्ध शिव मंदिरों के दर्शन करना चाहते हैं तो जरूर आएं ये शिवालय:

बैद्यनाथ धाम

बाबा बैद्यनाथ धाम झारखंड के देवघर जिले में मौजूद प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग है. इस प्राचीन शिव मंदिर में भगवान शिव को समर्पित द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक ज्योतिर्लिंग स्थापित है. इस मंदिर में सालों भर भक्तों का आना जाना लगा रहता है. श्रावण मास में बाबा के दर्शन करने यहां लाखों की भीड़ उमड़ती है.

यहां सावन महीने में विशेष श्रावणी मेले का आयोजन किया जाता है, जिसे देखने देश-विदेश से पर्यटक और श्रद्धालु देवघर आते हैं. पूरे सावन माह में भगवान भोलेनाथ का विशेष श्रृंगार किया जाता है. इस दौरान उनका मुकुट और श्रृंगार जेल से बनकर आता है. बाबा भोलेनाथ यहां आने वाले भक्तों की मुराद जरूर पूरी करते हैं. इस कारण इस ज्योतिर्लिंग को मनोकामना लिंग के नाम से भी जाना जाता है.

सुल्तानगंज के अजगैवीनाथ मंदिर से जल लेकर भक्त बाबा धाम पहुंचते हैं. यहां आकर उस जल से भगवान शिव का जलाभिषेक किया जाता है. इस दौरान भव्य कांवड़ यात्रा का आयोजन होता है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं. यह मंदिर झारखंड में मौजूद भगवान शिव के पवित्र शिवालयों में से एक है.

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बासुकीनाथ धाम

बासुकीनाथ मंदिर देवघर-दुमका राज्य राजमार्ग पर स्थित भगवान शिव को समर्पित पवित्र शिवालय है. इस मंदिर में पूरे साल हजारों-लाखों श्रद्धालु पूजा अर्चना करने आते हैं. बासुकीनाथ धाम में श्रावण मास के दौरान भक्तों की खास भीड़ जमा होती है. कांवड़ यात्रा पर निकले श्रद्धालु बैद्यनाथ धाम में जलार्पण कर बासुकीनाथ धाम पूजा-अर्चना के लिए पहुंचते हैं. पौराणिक मान्यता है, बाबा बैद्यनाथ धाम में पूजा करने के बाद बासुकीनाथ में बाबा के दर्शन करना अनिवार्य होता है, नहीं तो भक्तों की पूजा अधूरी मानी जाती है. बासुकीनाथ धाम झारखंड के प्रमुख धार्मिक केंद्र के रूप में स्थापित है.

पहाड़ी मंदिर

झारखंड की राजधानी रांची में स्थित है प्रसिद्ध पहाड़ी मंदिर. भगवान शिव को समर्पित इस पावन धाम में नाग देवता की भी विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. झारखंड आने वाले पर्यटक पहाड़ी मंदिर के दर्शन जरूर करते हैं. सावन के दौरान मंदिर को फूलों से सजाया जाता है और बाबा की विशेष पूजा अर्चना भी होती है. इस दौरान लाखों की संख्या में भक्त बाबा के दर्शन करने पहाड़ी मंदिर पहुंचते हैं. श्रावण मास के दौरान करीब 350 फीट ऊंची पहाड़ी पर 468 सीढ़ियां चढ़कर भक्त बाबा के दर्शन करने पहुंचते हैं. भक्ति का यह नजारा काफी मनमोहक होता है. पूरे सावन माह में रोजाना ताजा फूलों से बाबा का भव्य श्रृंगार होता है. इस दौरान सुबह तीन-चार बजे से ही भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने के लिए लाइन लगनी शुरू हो जाती है. पहाड़ी मंदिर झारखंड में मौजूद खूबसूरत धार्मिक और दार्शनिक स्थल है.

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आमरेश्वर धाम

आमरेश्वर धाम जिसे श्रद्धालु अंगराबाड़ी भी कहते हैं, झारखंड का प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल है. यह मंदिर राज्य के प्राचीन मंदिरों में से एक है, जहां सावन के मौके पर शिवलिंग की विशेष पूजा की जाती है. खूंटी जिले में स्थित आमरेश्वर धाम मंदिर श्रद्धालुओं के बीच काफी लोकप्रिय है. इसे झारखंड का मिनी बाबा धाम भी कहा जाता है. आमरेश्वर धाम मंदिर सालों भर भक्तों से भरा रहता है. लेकिन सावन महीने में अंगराबाड़ी का महत्व बढ़ जाता है. यहां दूर-दूर से लोग भगवान शिव का जलाभिषेक करने आते हैं. आमरेश्वर धाम श्रद्धालुओं की आस्था का प्रतीक है.

टांगीनाथ धाम

टांगीनाथ धाम झारखंड के गुमला जिले में स्थित प्रसिद्ध शिव मंदिर है. यह मंदिर अपने समृद्ध इतिहास और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है. सावन के मौके पर टांगीनाथ धाम में विशेष पूजा अर्चना की जाती है. टांगीनाथ पहाड़ पर मौजूद अनेकों शिवलिंग और देवी-देवताओं की मूर्ति श्रद्धालुओं के बीच आकर्षण का मुख्य केंद्र है. यहां आकर्षक श्रावणी मेले का आयोजन भी किया जाता है. टांगीनाथ धाम का खास जुड़ाव भगवान परशुराम से भी है. यहां उनका फरसा गड़ा हुआ है. टांगीनाथ धाम हिंदू धर्म के लोगों के आस्था और विश्वास का केंद्र है.

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