पूजा घर में की गई एक गलती घर में ला सकती है अशांति और तनाव
Vastu Tips: वास्तु शास्त्र बताता है कि थोड़ी सी सजगता और छोटे बदलावों से हम इन बाधाओं को दूर कर सकते हैं. ऐसे में मंदिर से जुड़े कुछ वास्तु नियमों को ध्यान में रखने की जरूरत होती है. अगर घर के मंदिर में रखी यह एक चीज तुरंत बाहर निकाल दें.
By Shashank Baranwal | April 15, 2025 3:26 PM
Vastu Tips: वास्तु शास्त्र सिर्फ ईंट, पत्थर और दीवारों की बात नहीं करता, ये जीवन की ऊर्जा को समझने और उसे संतुलित करने की एक गहरी विद्या है. यह हमारे पुरखों की वो अमूल्य धरोहर है, जो हमें बताती है कि हर दिशा, हर कोना कुछ कहता है- बस ज़रूरत है उसे समझने की. जब हम अपने घर या कार्यस्थल को इन ऊर्जाओं के अनुरूप ढालते हैं, तो वहां एक विशेष शांति और सकारात्मकता महसूस होने लगती है. अक्सर हम सोचते हैं कि भाग्य हमारा साथ नहीं दे रहा, या समस्याएं यूं ही चली आ रही है- लेकिन वास्तु शास्त्र बताता है कि थोड़ी सी सजगता और छोटे बदलावों से हम इन बाधाओं को दूर कर सकते हैं. ऐसे में मंदिर से जुड़े कुछ वास्तु नियमों को ध्यान में रखने की जरूरत होती है. अगर घर के मंदिर में रखी यह एक चीज तुरंत बाहर निकाल दें, क्योंकि यह घर में नकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को बढ़ाने का काम करती है.
घर के मंदिर में कभी न रखें यह एक चीज
पूजा करने में कई लोग धूप बत्ती, अगरबत्ती और दीपक का उपयोग करते हैं. इसको जलाने के लिए माचिस का भी इस्तेमाल करते हैं. यही वजह है कि घर के मंदिर में माचिस रखी रहती है. हाालंकि वास्तु शास्त्र के नियमों की माने तो घर के मंदिर में माचिस रखना शुभ नहीं होता है. यह घर में सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने के बजाय नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने का काम करती है.
वास्तु शास्त्र के अनुसार, पूजा कक्ष में माचिस रखना उचित नहीं माना गया है. यह रोशनी भी देती है. साथ ही जलाकर राख भी कर देती है. यही वजह है कि इसे शक्ति और विनाश दोनों का प्रतीक माना गया है. जब माचिस जैसी वस्तु पूजा स्थल पर रख दी जाती है, तो वहां की ऊर्जा में असंतुलन आने लगता है, जिसकी वजह से नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ा जाता है.
कलह और अशांति को बढ़ावा
वास्तु शास्त्र के अनुसार, पूजाघर में माचिस रखने से घर में अशांति और परिवार में कलह की संभावना बढ़ जाती है. हालांकि, अगर पूजाघर में माचिस रखना जरूरी हो, तो उसे सीधे न रखकर साफ और पवित्र कपड़े में लपेटकर ही रखें, जिससे वहां की सकारात्मक ऊर्जा प्रभावित न हो.