Vastu Tips: पूजा घर बनाते समय न करें ये आम गलतियां, जानें वास्तु के अनुसार सही दिशा और स्थान

Vastu Tips: आज हम आपको कुछ ऐसे नियमों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनका ख्याल आपको रखना चाहिए पूजा घर का निर्माण करवाते समय. जब आप इन नियमों का ख्याल रखते हैं तो इसका असर आपके पूजा और उससे मिलने वाले फल पर पड़ता है.

By Saurabh Poddar | July 14, 2025 4:17 PM
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Vastu Tips: वास्तु शास्त्र का महत्व हमारे जीवन में काफी ज्यादा बताया गया है. जब आप वास्तु शास्त्र में बताये गए नियमों का पालन सही तरीके से करते हैं तो ऐसे में इसके जो परिणाम होते हैं वे बेहद ही शुभ और समृद्ध होते हैं. वहीं, जब इन नियमों को नजरअंदाज किया जाता है तो इसके परिणाम भी नकारात्मक हो सकते हैं. हमारे वास्तु शास्त्र में कुछ ऐसे नियमों का भी जिक्र किया गया जिनका पालन हमें उस समय करना चाहिए जब हम पूजा घर का निर्माण करवा रहे होते हैं. मान्यताओं के अनुसार जब आप इन नियमों का पालन करते हैं तो आपके घर पर पॉजिटिव एनर्जी बनी रहती है और साथ ही आपको मानसिक शांति का भी अनुभव होता है. इन नियमों का पालन करने पर आपके ऊपर ईश्वर की कृपा भी बनी रहती है और आपको पूजा का भी बेहतर. तो चलिए पूजा घर से जुड़े इन नियमों को जानते हैं विस्तार से.

किस दिशा में हो पूजा घर?

अगर आप पूजा घर का निर्माण करवा रहे हैं तो आपको इसे हमेशा ही घर के उत्तर-पूर्व दिशा में बनवाना चाहिए. इसे सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है. जब आप इस दिशा में मंदिर बनवा लेते हैं तो आपके घर पर पॉजिटिव एनर्जी का प्रवाह बढ़ जाता है और साथ ही आपका घर पवित्र भी हो जाता है. अगर आप किसी कारण से इस दिशा में मंदिर नहीं बनवा पा रहे हैं तो पूर्व दिशा में भी मंदिर का निर्माण करवा सकते हैं. आपको इस बात का भी ख्याल रखना चाहिए कि जिस समय आप पूजा कर रहे हैं तो आपका मुंह हमेशा से पूर्व या फिर उत्तर दिशा की तरफ होना चाहिए. ऐसा करने पर आपके ऊपर ईश्वर की कृपा बरसने लगती है.

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किस जगह पर हो पूजा घर?

आपको इस बात का ख्याल रखना है कि आप जिस जगह पर पूजा घर बनवा रहे हैं वह जगह शांत, साफ और पॉजिटिव एनर्जी से भरी हुई हो. आपको इस बात का भी ख्याल रखना चाहिए कि यह मंदिर जमीन से कुछ इंच ऊपर हो. साथ ही आपको इस बात का भी ख्याल रखना चाहिए यह पूजा घर बाथरूम या फिर शौचालय के आसपास न हो.

किस तरह की हो मूर्तियां?

अगर आप मंदिर में मूर्तियों को स्थापित करने जा रहे हैं आपको इस बात का ख्याल रखना है कि उनकी जो लंबाई है वह 9 इंच से ज्यादा न हो. आपको इस बात का भी ख्याल रखना चाहिए कि मूर्तियां दीवार से सटी हुई न हों और साथ ही हवा के आने-जाने के लिए पीछे की तरफ उचित जगह मौजूद हो. अगर मंदिर में मूर्तियां टूटी हुई है तो उन्हें वहां से हटा दें. आपको इस बात का भी ख्याल रखना चाहिए कि मंदिर में एक ही भगवान की मूर्तियां मौजूद न हो.

कैसा हो मंदिर का रंग?

अगर आप पूजा घर को रंगने की सोच रहे हैं तो इसके लिए हल्के रंगों को सबसे शुभ और बेहतर माना जाता है. इसके लिए आप पीले, सफेद, क्रीम या फिर पिंक रंग का चुनाव कर सकते हैं. इसके अलावा आपको कभी भी मंदिर को काले रंग से नहीं रंगवाना चाहिए. ऐसा करना कभी भी शुभ नहीं माना जाता है. मंदिर भले ही कितना भी छोटा क्यों न हो आपको इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि इसमें अगरबत्ती, शंख, दीये और घंटी रखने के लिए पर्याप्त जगह मौजूद हो.

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Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर बेस्ड है. प्रभात खबर किसी भी तरह से इनकी पुष्टि नहीं करता है.

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