Vidur Niti: व्यक्ति को मृत्यु के करीब ले जाती हैं ये 4 आदतें, जानें
Vidur Niti: विदुर की नीतियां जितना द्वापर युग में प्रासंगिक थी, उतनी ही आज भी है. उनकी नीतियां जीवन के विभिन्न पहलुओं से जुड़ी है.
By Shashank Baranwal | January 25, 2025 9:55 PM
Vidur Niti: महात्मा विदुर महाभारत महाकाव्य के महत्वपूर्ण किरदार है. विदुर पांडु और धृतराष्ट्र के भाई थे. लेकिन दासी पुत्र होने की वजह से उन्हें राजा के पुत्र जैसा सम्मान नहीं मिला. हालांकि, बुद्धिमत्ता और नैतिक सूझ-बूझ में विदुर दोनों से बहुत आगे थे. धृतराष्ट्र के साथ पितामह भीष्म भी किसी बात को लेकर सलाह मशवरा करते थे. कुशल कूटनीतिज्ञ होने के कारण उन्हें हस्तिनापुर का प्रधानमंत्री बनाया गया था. विदुर की नीतियां जितना द्वापर युग में प्रासंगिक थी, उतनी ही आज भी है. उनकी नीतियां जीवन के विभिन्न पहलुओं से जुड़ी है. जो भी व्यक्ति विदुर नीति को अच्छी तरह से पढ़कर जीवन में उतार लेता है, उसे आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक पाएगा. ऐसे में वह कहते हैं कि कुछ आदतें व्यक्ति को मृत्यु के मार्ग पर ले जाती हैं.
विदुर नीति के मुताबिक, हद से ज्यादा बोलना व्यक्ति के लिए घातक होता है. ये मुश्किलों को आमंत्रित करते हैं, क्योंकि जरूरत से ज्यादा बोलने वाला इंसान कभी-कभी ऐसी बातें बोल देतै है, जो कि दूसरों को बहुत घाव के जैसे हमला करती हैं, जिसकी वजह से सामने वाले के मन से निकली आह घातक सिद्ध होती है.
विदुर नीति में बताया गया है कि जो व्यक्ति अपनी तारीफ खुद करते हैं, वह धीरे-धीरे मृत्यु के करीब जाते हैं, क्योंकि ऐसे लोग अपनी बातों से कई लोगों को दुश्मन बना लेते हैं. ऐसे में व्यक्ति को हर जगह अपनी तारीफ करने से बचना चाहिए.
महात्मा विदुर कहते हैं कि व्यक्ति को क्रोध से बचना चाहिए. जो व्यक्ति क्रोधी स्वभाव का होता है, वह अपना ही नुकसान करता है. ज्यादा गुस्सा करने वाले व्यक्ति में सही गलत समझने की शक्ति नहीं होती है, जिसकी वजह से वह धीरे-धीरे मौत के बढ़ते रहते हैं.
विदुर नीति के अनुसार, व्यक्ति का लालची स्वभाव धीरे-धीरे मौत की तरफ ले जाता है. यह इंसान को बहुत जल्द खत्म कर देता है, क्योंकि लालची व्यक्ति भरोसे लायक नहीं रहता है. वह कभी भी कुछ भी कर सकता है, जिसकी वजह से उसके कई दुश्मन हो जाते हैं.