महात्मा विदुर के चार अमूल्य सूत्र जो बदल सकते हैं आपका जीवन
Vidur Niti: विदुर नीति कोई साधारण ग्रंथ नहीं, बल्कि एक व्यवहारिक जीवनशैली है, जो आज के दौर में भी पूरी तरह से सार्थक है. इसमें जीवन के हर पहलू को ध्यान में रखते हुए ऐसे विचार दिए गए हैं, जो इंसान को कठिनाइयों में भी सही निर्णय लेने की समझ देते हैं.
By Shashank Baranwal | April 13, 2025 8:54 AM
Vidur Niti: महाभारत के एक अत्यंत विद्वान और धर्मनिष्ठ चरित्र, महात्मा विदुर, अपनी नीति और नैतिकता के लिए विशेष रूप से पहचाने जाते हैं. उनका जीवन इस बात का उदाहरण है कि बिना किसी राजशाही जन्म के भी, केवल ज्ञान, विवेक और सत्य के बल पर व्यक्ति उच्चतम पद प्राप्त कर सकता है. उन्होंने हस्तिनापुर जैसे बड़े राज्य में प्रधानमंत्री की भूमिका निभाई. विदुर हमेशा धर्म और सच्चाई के पक्षधर रहे. उन्होंने राजा धृतराष्ट्र तक को निर्भय होकर सच्ची बात कहने का साहस दिखाया, चाहे वह कितनी भी अप्रिय क्यों न हो. यही कारण है कि उनके और धृतराष्ट्र के बीच हुए संवाद आज भी “विदुर नीति” के रूप में प्रसिद्ध हैं. विदुर नीति कोई साधारण ग्रंथ नहीं, बल्कि एक व्यवहारिक जीवनशैली है, जो आज के दौर में भी पूरी तरह से सार्थक है. इसमें जीवन के हर पहलू को ध्यान में रखते हुए ऐसे विचार दिए गए हैं, जो इंसान को कठिनाइयों में भी सही निर्णय लेने की समझ देते हैं. महात्मा विदुर का कहना था कि ये चार चीजें ही मनुष्य के लिए कल्याणकारी होती हैं, जो कि इंसान को आगे बढ़ने के लिए प्रेरणा देती हैं.
मन की स्थिरता के लिए जरूरी
महात्मा विदुर कहते हैं कि धर्म व्यक्ति को सफल बनाने का काम करता है. यह परम कल्याणकारी होता है. ऐसे में कहा जा सकता है कि धर्म व्यक्ति को आगे बढ़ने में मदद करता है, जो व्यक्ति धर्म को धारण करता है, उसका मन स्थिर रहता है.
विदुर नीति के अनुसार, माफ करना शांति का सर्वश्रेष्ठ उपाय माना जाता है. क्षमा करने से इंसान छोटा नहीं हो जाता है. यह व्यक्ति की सौम्यता को दिखाने का काम करता है. जो व्यक्ति माफ करना जानता है उसे जीवन में किसी भी तरह का कष्ट नहीं होता है.
मन में संतोष की भावना
विदुर नीति के मुताबिक, ज्ञान किसी भी व्यक्ति की मानसिक स्थिति को सुदृढ़ बनाती है. यह व्यक्ति में संतोष की भावना जागृत करती है. ज्ञान से व्यक्ति का स्वभाव शांत और सौम्य बनता है, जो कि अच्छा इंसान बनाने में मदद करती है.
सुखी जीवन के लिए जरूरी
महात्मा विदुर कहते हैं कि हिंसा करने वाला व्यक्ति हमेशा दुखी जीवन व्यतीत करता है, जबकि अहिंसा व्यक्ति को सुख देने का काम करती है. अहिंसा को अपनाने वाला व्यक्ति सुख से जिंदगी बिताता है.