Vidur Niti: महाभारत महाकाव्य में एक से बढ़कर एक बलशाली योद्धा थे. लेकिन एक पात्र ऐसे भी थे, जिन्हें योद्धा के तौर पर नहीं बल्कि नीतिज्ञ के रूप में याद किया जाता है. वो पात्र कोई और नहीं महात्मा विदुर थे. उन्होंने अपनी रणनीतिक कुशलता और नीतियों की वजह से हस्तिनापुर के महामंत्री का पद प्राप्त किया था. विदुर की नीतियों का एक ग्रंथ है, जो विदुर नीति के नाम से प्रसिद्ध है. ये नीतियां आज भी उतनी ही प्रासंगिक है, जितनी महाभारत काल के समय में थी. ये आज भी बहुत लोकप्रिय है. इस ग्रंथ में हस्तिनापुर के महाराजा धृतराष्ट्र और उनके बीच के संवाद समाहित हैं, जिसमें जिंदगी के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई है. आज के समय में हर किसी को पैसे की चाहत होती है. सब चाहते हैं कि उन पर माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहे. लेकिन विदुर नीति के मुताबिक, कुछ लोग ऐसे होते हैं, जिन पर माता लक्ष्मी की कृपा कभी नहीं पड़ती. उन्हें हमेशा कंगाली में ही जीवन बिताना पड़ता है.
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