मूर्ख व्यक्ति की पहचान
अनाहूतः प्रविशति अपृष्टो बहु भाषते।
अविश्वस्ते विश्वसिति मूढचेता नराधमः । ।
इस श्लोक के अनुसार, मूर्ख व्यक्ति बिना बुलाए ही किसी जगह पर चला जाता है या बिना अनुमति के चला जाता है. जो व्यक्ति बिना जरूरत या बिना किसी के पूछे ही बहुत ज्यादा बोलता है, उसे भी विदुर नीति में मूर्ख बताया गया है. बिना सोचे समझे बोलना दूसरों के लिए भी दिक्कत का कारण बन जाता है. विदुर नीति के मुताबिक जो व्यक्ति धोखा देने वाले या अविश्वसनीय लोगों पर बार-बार भरोसा करता है. ऐसा व्यक्ति मूर्खता का ही परिचय देता है.
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परं क्षिपति दोषेण वर्तमान: स्वयं तथा।
यश्च क्रुध्यत्यनीशान: स च मूढतमो नर: ।।
विदुर नीति के इस श्लोक में भी मूर्ख व्यक्ति के बारे में बताया गया है. इस श्लोक के अनुसार, जो व्यक्ति दोषी होकर भी दूसरों पर दोष डालता है और असमर्थ होते हुए भी गुस्सा करता है. ऐसा व्यक्ति मूर्ख होता है. विदुर नीति के मुताबिक, महामूर्ख व्यक्ति जानते हुए भी अपनी गलती के लिए दूसरों को जिम्मेदार ठहराता है. जो व्यक्ति अपने पर गुस्से को काबू में नहीं रख सकता और बिना कारण या बात-बात पर गुस्सा हो जाता है. ऐसा व्यक्ति भी अज्ञानी होता है.
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