Vidur Niti: महाभारत महाकाव्य में अक्सर योद्धाओं की ही बात होती है. लेकिन एक पात्र ऐसे भी हैं, जिनकी प्रशंसा योद्धा होने के कारण नहीं बल्कि कुशल नीतिज्ञ होने के नाते की जाती है. ये पात्र कोई और नहीं पांडु और धृतराष्ट्र के सौतेले भाई महात्मा विदुर हैं. हालांकि, ये किसी रानी के पुत्र नहीं थे. ये एक दासी के पुत्र थे. वे महान ज्ञानी थे. इसलिए उन्हें हस्तिनापुर का प्रधानमंत्री बनाया गया था. धृतराष्ट्र और पितामह भीष्म किसी भी बात पर सलाह और मशवरा विदुर से ही लेते थे. उन्होंने महाभारत के समय जो नीति बताए थे, वह आज के समय विदुर नीति के नाम से जानी जाती है. जिसमें करीबन जिंदगी के हर पहलू पर नीतियां बताई गई है. इन नीतियों का अनुसरण करने वाला व्यक्ति जीवन में कभी असफल नहीं होता है. वह जीवन को अच्छी तरह से समझने माहिर हो जाता है. इसी तरह विदुर ने एक श्लोक में बताया था कि महिला और भोजन के साथ कुछ अन्य चीजों की तारीफ कब और किस स्थिति में करनी चाहिए.
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