स्वस्थ रहना
स्वस्थ शरीर ही सबसे बड़ा धन होता है. अगर आप सेहतमंद नहीं है तो धन रहने पर भी आप सुख को सही से भोग नहीं पाते हैं. महात्मा विदुर के अनुसार जिस व्यक्ति को कोई रोग नहीं होता है वह जीवन में सुखी रहता है.
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बिना डर के जीना
डर के साथ जीवन जीना व्यक्ति को कमजोर बनाता है. किसी बात का डर व्यक्ति को खुशी का एहसास नहीं होने देता है और उसी बात की चिंता उसके दिमाग में बनी रहती है. जीवन में सुखी रहना है तो डर के बिना जीवन जीना चाहिए.
घर से दूर नहीं रहना और अच्छे लोगों का साथ
अपने जन्म स्थान या परिवार के साथ रहना खासकर बुढ़ापे में एक विशेष सुख होता है. काम की वजह या अन्य कारण से दूसरे जगह जाकर रहना व्यक्ति को अपनों से दूर करता है और सुख को कम कर देता है. विदुर नीति के मुताबिक, जो व्यक्ति अपने घर से दूर नहीं रहता है वह जीवन में सुखी रहता है. विदुर नीति में अच्छे लोगों का साथ भी सुख का कारण है. अच्छी संगति की वजह से व्यक्ति जीवन में आगे बढ़ पाता है.
कर्जमुक्त जीवन और आत्मनिर्भर होना
महात्मा विदुर के मुताबिक, कर्ज का बोझ व्यक्ति को तोड़ देता है. कर्ज से जीवन में शांति कम हो जाती है. जब तक इंसान कर्ज में डूबा होता है वह सच्ची स्वतंत्रता और सुख का अनुभव नहीं कर पाता है. विदुर नीति के अनुसार, खुद की मेहनत से की गई कमाई गई आत्मसम्मान के साथ आत्मनिर्भरता का सुख भी देती है. दूसरों पर निर्भर रहने वाला व्यक्ति चिंता और दुख में रहता है.
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