Vidur Niti: छात्रों के लिए खतरनाक लतें जो बनाती हैं जीवन को अंधकारमय

Vidur Niti: विदुर की नीतियों का संग्रह 'विदुर नीति' के नाम से प्रसिद्ध है, जो आज भी उतना ही प्रभावशाली और प्रासंगिक है जितना कि महाभारत काल में थी. इस ग्रंथ में विदुर और हस्तिनापुर के राजा धृतराष्ट्र के बीच बातचीत के माध्यम से जीवन के विभिन्न पहलुओं पर गहरी चर्चा की गई है.

By Shashank Baranwal | April 1, 2025 1:54 PM
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Vidur Niti: महाभारत महाकाव्य में कई महान और बलशाली योद्धाओं का वर्णन किया गया है, लेकिन एक ऐसा पात्र भी था, जिसे युद्ध के मैदान में नहीं, बल्कि अपनी रणनीतिक सोच और नीतियों के लिए पहचाना जाता है. वह कोई और नहीं महात्मा विदुर थे. उन्होंने अपनी बेजोड़ नीतियों और समझदारी के कारण हस्तिनापुर के महामंत्री का पद प्राप्त किया था. विदुर की नीतियों का संग्रह ‘विदुर नीति’ के नाम से प्रसिद्ध है, जो आज भी उतना ही प्रभावशाली और प्रासंगिक है जितना कि महाभारत काल में थी. इस ग्रंथ में विदुर और हस्तिनापुर के राजा धृतराष्ट्र के बीच बातचीत के माध्यम से जीवन के विभिन्न पहलुओं पर गहरी चर्चा की गई है. उन्होंने विद्यार्थियों के लिए भी कुछ बातें बताई हैं, जिन्हें करने से मना करते हैं.

जीवन में रह जाएंगे पीछे

विदुर नीति के अनुसार, जो व्यक्ति पढ़ाई करते हैं या किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, उन्हें आलस का त्याग कर देना चाहिए, क्योंकि आलसपन इंसान को आगे बढ़ने से रोकता है. आलसी स्वभाव वाला व्यक्ति जीवन में कुछ भी करने से पीछे रह जाता है.

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शारीरिक और मानसिक समस्या

विदुर नीति के अनुसार, छात्रों को मद-मोह और नशा करने से बचना चाहिए. यह विद्यार्थियों की जिंदगी को नुकसान पहुंचाने का काम करता है. यह मानसिक और शारीरिक दोनों तरह की परिस्थितियों में नुकसान पहुंचाता है.

जिंदगी के हर मुकाम पर पीछे

विदुर नीति में बताया गया है कि छात्रों को अभिमान नहीं करना चाहिए. किसी भी बात का घमंड करने वाला व्यक्ति जीवन में कभी आगे नहीं जा पाता है. वह जिंदगी के हर मुकाम में पीछे चला जाता है. ऐसे में विद्यार्थियों को घमंड करने से बचना चाहिए.

मानसिक रूप से विकलांग

महात्मा विदुर कहते हैं कि पढ़ाई कर रहे छात्रों को लालची नहीं होना चाहिए, क्योंकि लालच व्यक्ति की बुद्धि को भ्रष्ट कर देता है. यह व्यक्ति को मानसिक विकलांग बनाकर छोड़ देता है, जिसकी वजह से उस व्यक्ति में अच्छे और बुरे का भेद खत्म हो जाता है.

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Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है. प्रभात खबर इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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