दूसरों के कार्यों में करे हस्तक्षेप
महात्मा विदुर के अनुसार, जो व्यक्ति अपने कर्तव्यों को न निभाकर दूसरों के कार्यों में हस्तक्षेप करता है या उनका पालन करने की कोशिश करता है, वह मूर्खता करता है. प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में कुछ निश्चित जिम्मेदारियां होती हैं, और उनका सही तरीके से निर्वहन ही सच्चा धर्म है. दूसरों के कर्तव्यों में हस्तक्षेप न केवल भ्रम पैदा करता है, बल्कि स्वयं की उन्नति में भी बाधा बनता है. विदुर नीति में यही महत्वपूर्ण शिक्षा दी गई है.
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मित्र के साथ करे छल
विदुर नीति के अनुसार, जो व्यक्ति अपने सच्चे मित्र के साथ असत्य, छल या धोखे का व्यवहार करता है, वह मूर्ख माना जाता है. मित्रता विश्वास, सच्चाई और निष्ठा पर टिकी होती है, और जो व्यक्ति इन मूल्यों को तोड़ता है, वह न केवल अपने मित्र को दुख पहुंचाता है बल्कि स्वयं का भी नुकसान करता है. ऐसे लोगों को विदुर बुद्धिमान नहीं, बल्कि अल्पबुद्धि कहते हैं.
चाहने वाले को करे नजरअंदाज
विदुर नीति के मुताबिक, जो व्यक्ति अपने सच्चे चाहने वाले को नजरअंदाज करता है और उन लोगों के पीछे भागता है जो उसे महत्व नहीं देते, वह मूर्ख कहलाता है. ऐसा व्यक्ति न केवल अपने सच्चे संबंधों को खो देता है, बल्कि अंत में उसे पछताना भी पड़ता है. विदुर के अनुसार, बुद्धिमान वही है जो प्रेम, सम्मान और सच्चाई को पहचान कर उसका आदर करता है, न कि दिखावे और उपेक्षा के पीछे चलता है.
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