Vidur Niti: अगर आपके जीवन में दुश्मनों की संख्या है अधिक,तो जानें विदुर नीति में उनसे बचने के उपाय
Vidur Niti: विदुर नीति के जरिये जाने आखिरकार कैसे बच सकते हैं अपने दुश्मनों से.
By Shinki Singh | March 26, 2025 1:15 PM
Vidur Niti: आज कल लोगों के जीवन में सच्चे दोस्तों की जगह दुश्मनों की संख्या अधिक हो गई हैं.ऐसा हम नहीं कह रहें हैं आप जिस किसी से भी बात करें वह व्यक्ति यह कहते हुए आपको मिल जाएगा अरे मेरी उससे पटती नहीं हैं.वह मुझसे जलता है. ऐसे में महाभारत की विदुर नीति में जीवन के हर पहलु को समझने और समस्याओं से निपटने के लिए महत्वपूर्ण उपदेश दिए गए हैं जिनमें दुश्मनों से सावधान रहने के उपाय भी बताये गये हैं.ऐसे में एक बार यह खबर आप भी बढ़ें ताकि आप अपने दुश्मनों से सतर्क रह सकें.
दुश्मन को कभी हल्के में न लें: विदुर नीति में बताया गया है कि दुश्मन चाहे जितना कमजोर दिखे उसे हल्के में नहीं लेना चाहिए. उसका असली रूप समय के साथ सामने आ सकता है इसलिए हमेशा सतर्क रहना चाहिए.
दुश्मन की साजिश को पहचानना : विदुर नीति के अनुसार हमेशा आपको दुश्मन की हर चाल को समझने और पहचानने की जरुरत होती है. दुश्मन कभी खुलकर शत्रुता नहीं दिखाता बल्कि धीरे-धीरे अपनी साजिशों को अंजाम देता है.
दुश्मन पर कभी नहीं करना चाहिए विश्वास: दुश्मन से कभी भी विश्वास की उम्मीद नहीं करनी चाहिए. उसके हर कदम को शक की नजर से देखना चाहिए और उस पर नजर रखनी चाहिए.
दुश्मन का मनोबल तोड़ना :विदुर ने कहा कि दुश्मन का मनोबल तोड़ना बहुत जरुरी होता है. यदि वह कमजोर महसूस करेगा तो वह आपकी ताकत से डर जाएगा और आप पर हमला करने में संकोच करेगा.
सदैव आत्मविश्वास बनाए रखें : अपने आत्मविश्वास को कभी कमजोर न होने दें. दुश्मन केवल तभी हमला करता है जब वह देखता है कि आप कमजोर हो गए हैं या संकोच कर रहे हैं.
दुश्मन के बारे में जानकारी रखना : दुश्मन के बारे में जितनी जानकारी हासिल की जाए उतना ही लाभकारी होता है. यह जानने से आप उसकी योजनाओं को पहले ही समझ सकते हैं.
कभी भी अपने इरादों को स्पष्ट न करें : अपने इरादों को कभी भी खुलकर दुश्मन से न बताएं. वह इसका फायदा उठाकर आपकी योजनाओं को नाकाम कर सकता है.
दुश्मन के सामने नम्र रहें, लेकिन चतुर भी रहें : विदुर के अनुसार दुश्मन से सीधे टकराव से बचें बल्कि उसे अपनी चालों में फंसने का मौका दें. उससे हल्का व्यवहार करें लेकिन भीतर से सतर्क और चतुर बने रहें.