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मसल्स कम होने के कारण
आमतौर पर पुरुष और महिलाएं 98.6 डिग्री का आंतरिक शरीर तापमान बनाए रखते हैं. लेकिन पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में ज्यादा मांसपेशियां (मसल्स) होती हैं. अक्सर महिलाओं में स्किन और मांसपेशियों की बीच में ज्यादा वसा (फैट) होती है. यही कारण है कि महिलाओं को पुरुषों की मुकाबले ज्यादा ठंड नहीं लगती है.
मेटाबॉलिज्म रेट कम होने के कारण
शरीर का मेटाबॉलिज्म रेट ऊर्जा के उत्पादन के लिए जिम्मेदार होता है. इसमें गर्मी भी शामिल है. अधिकतर महिलाओं में चयापचय (मेटाबॉलिज्म) पुरुषों के मुकाबले कम होता है. जिसकी वजह से शरीर में गर्मी कम उत्पन्न होती है. यही कारण है कि महिलाओं को ज्यादा ठंड लगती है.
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हार्मोनल इम्बैलेंस के कारण
महिलाओं में पीरियड्स आने की वजह से पूरे महीने में हार्मोनल बैलेंस बदलता रहता है. साथ ही एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन बॉडी तापमान को भी कम ज्यादा करता रहता है. प्रोजेस्टेरोन के कारण ब्लड वेसल्स की रहती हैं और एस्ट्रोजन के कारण ब्लड वेसल्स फैली रहती हैं. प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन के फैलाव की स्थिति के कारण ही बॉडी के कुछ हिस्सों में ब्लड सही से सर्कुलेट नहीं हो पाता है. महिलाओं को ज्यादा ठंड लगने का यह भी एक कारण है.
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Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.