विश्व पर्यावरण दिवस : बच्चों में पर्यावरण के प्रति सम्मान विकसित करना है जरूरी

एक बच्चे की परवरिश में जितना महत्वपूर्ण योगदान मां का होता है, उसके विकास में उतनी ही अहम भूमिका प्रकृति भी निभाती है. हममें से न जाने कितने लोगों का बचपन मिट्टी के खिलौने और घर बनाने, पेड़ों पर चढ़कर आम खाने, खेतों में खेलने आदि की यादों से जुड़ा है. लेकिन, फ्लैट सिस्टम के इस दौर में बच्चे प्रकृति से दूर होते जा रहे हैं. अब वे घर के बाहर खेलने की बजाय मोबाइल पर गेम खेलना पसंद करते हैं. यह कहना गलत नहीं होगा कि आधुनिक युग में बच्‍चों में प्रकृति‍ प्रेम कम होता जा रहा है. ऐसे में अभिभावकों की जिम्मेदारी है कि‍ वे छोटे-छोटे प्रयासों के साथ बच्चों की पर्यावरण से दोस्ती कराएं.

By दिल्ली ब्यूरो | June 5, 2020 5:10 AM
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एक बच्चे की परवरिश में जितना महत्वपूर्ण योगदान मां का होता है, उसके विकास में उतनी ही अहम भूमिका प्रकृति भी निभाती है. हममें से न जाने कितने लोगों का बचपन मिट्टी के खिलौने और घर बनाने, पेड़ों पर चढ़कर आम खाने, खेतों में खेलने आदि की यादों से जुड़ा है. लेकिन, फ्लैट सिस्टम के इस दौर में बच्चे प्रकृति से दूर होते जा रहे हैं. अब वे घर के बाहर खेलने की बजाय मोबाइल पर गेम खेलना पसंद करते हैं. यह कहना गलत नहीं होगा कि आधुनिक युग में बच्‍चों में प्रकृति‍ प्रेम कम होता जा रहा है. ऐसे में अभिभावकों की जिम्मेदारी है कि‍ वे छोटे-छोटे प्रयासों के साथ बच्चों की पर्यावरण से दोस्ती कराएं.

पार्क में मनाएं पिकनिक : छ्ट्टी के दिन अक्सर लोग फिल्म देखने या रेस्टोरेंट में खाना खाने का प्लान तो बना लेते हैं, लेकिन पार्क में पिकनिक मनाने के बारे में अब कोई नहीं सोचता. मस्ती के पुराने तरीके काे अपनाने हुए आप आज भी बच्चों के साथ पेड़-पौधों की हरियाली के बीच एक खूबसूरत दिन बिता सकते हैं. इससे बच्चों में पार्क का महत्व बढ़ेगा. आप बच्चों को कि‍सी नेशनल पार्क में भी ले जा सकते हैं. इससे आपके बच्‍चे को प्रकृति‍ के करीब आने का मौका मि‍लेगा.

भेंट करें हराभरा तोहफा : बच्‍चों के जन्मदिन पर अभिभावक उन्हें कीमती तोहफा खरीद कर देते हैं. आप इस विशेष दिन बच्चे को एक पौधा गिफ्ट कर सकते हैं. यदि आप इस दिन बच्चे के हाथों से पौधा पोपण करायेंगे, तो और भी अच्छा होगा. ऐसा करने से बच्चे के मन में पौधों के प्रति भावनात्मक लगाव विकसित होगा और वे बचपन से ही पेड़-पौधों की देखभाल करना सीखेंगे.

साथ देखें पर्यावरण से जुड़े कार्यक्रम : बच्चों में प्रकृति के प्रति प्रेम विकसित करने में आप टीवी व इंटरनेट की मदद भी ले सकते हैं. ऐसे कई चैनल है, जो टीवी पर प्रकृति‍ से जुड़े कार्यक्रम दिखाते हैं. अपने बच्‍चों के साथ बैठकर इस तरह के कार्यक्रम देखें. बच्‍चों से पर्यावरण की समस्याओं एवं इनके समाधानों के बारे में बातें करें और उनके मन में प्रकृति‍ के प्रति रुचि‍ पैदा करने का प्रयास करें.

खुद भी करें पर्यावरण की देखभाल : बच्‍चों को कुछ सिखाने से पहले स्‍वयं उसका पालन करें. यदि आप अनावश्यक रूप से घर के पंखे व बिजली ऑन रखते हैं, जरूरत से ज्यादा पानी बहाते हैं, तो पहले अपनी इन आदतों में सुधार करें. बच्‍चों को पर्यावरण का दोस्त बनाने से पहले खुद प्रकृति से दोस्ती करें. खुद से शुरुआत करके आप बच्‍चों के मन में प्राकृति‍क संसाधनों के प्रति‍ सम्‍मान पैदा कर सकते हैं. यदि आप ही प्रकृति की देखभाल में लापरवाही बरतेंगे, तो बच्चे आपकी बात को गंभीरता से नहीं लेंगे.

बच्‍चों को प्रकृति की सुरक्षा के लिए प्रेरित करें : बच्चों में पेड़-पौधों की देखभाल का शौक पैदा करें. बच्चों को साथ लेकर घर की बगिया में पेड़-पौधे लगाएं. उनके हाथ से पौधे लगवाएं. बच्चों को पेड़-पौधों की अहमियत समझााएं. उन्हें बतायें कि पेड़-पौधे हमारी जिंदगी में कितनी अहमियत रखते हैं. बच्चों का पेड़-पौधों के प्रति लगाव बनाये रखें. पर्यावरण संरक्षण हमारे जीवन के लिए कितना आवश्यक है, जब बच्चे इस बात की गहरायी को समझेंगे, तभी उनमें प्रकृति की देखभाल करने की प्रवृत्ति विकसित होगी.

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