World Toilet Day 2023: आज मनाया जा रहा विश्व शौचालय दिवस, जानिए इतिहास, महत्व और इस साल की थीम

World Toilet Day 2023: आज यानी 19 नवंबर को विश्वभर में वर्ल्ड टॉयलेट दिवस मनाया जा रहा है. इस दिन का उद्देश्य है लोगों के बीच जागरूकता फैलाना है. ताकि शौचालय का प्रयोग करें. आइए जानते हैं क्या है विश्व शौचालय दिवस, साल 2023 की थीम क्या है.

By Shweta Pandey | November 19, 2023 9:38 AM
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World Toilet Day 2023: आज यानी 19 नवंबर को विश्वभर में वर्ल्ड टॉयलेट दिवस मनाया जा रहा है. इस दिन का उद्देश्य है लोगों के बीच जागरूकता फैलाना है. ताकि शौचालय का प्रयोग करें.

इसके अलावा वैश्विक स्वच्छता संकट से निपटने के लिए इसे शुरू करना पड़ा. संयुक्त राष्ट्र महासभा ने साल 2013 में विश्व शौचालय दिवस को एक आधिकारिक संयुक्त राष्ट्र दिवस घोषित किया था. आइए जानते हैं क्या है विश्व शौचालय दिवस, साल 2023 की थीम क्या है.

विश्व शौचालय दिवस क्या है?

दरअसल विश्व शौचालय दिवस का उद्देश्य हमारे जीवन को बचाने का काम करते हैं बल्कि कई तरह की बीमारियों के प्रसार को भी रोकने में मदद करते हैं.

खुले में शौच करने से जहां कई बीमारियों को न्योता देते हैं, इसलिए विश्व शौचालय दिवस वैश्विक स्वच्छता संकट से निपटने के लिए प्रेरित करने वाला एक महत्वपूर्ण दिवस है.

World Toilet Day 2023: थीम

इस साल 2023 वर्ल्ड टॉयलेट डे की थीम है, “त्वरित परिवर्तन” है.

इससे पहले की थीम

2022 में शौचाल की थीम “आइए अदृश्य को दृश्य बनाएं”

2021 में शौचालयों का महत्व (Valuing Toilets)

2020 में सतत स्वच्छता और जलवायु परिवर्तन’

2019 में लीविंग नो वन बिहाइंड (Leaving No One Behind)

2018 में प्रकृति आधारित समाधान (Nature-based solutions)

2017 में वेस्ट वॉटर (Wastewater)

2016 में शौचालय और रोजगार (Toilets and jobs),

2015 में शौचालय और पोषण (Toilets and nutrition),

2014 में समानता और गरिमा (Equality and dignity)

2013 में पर्यटन और पानी (Tourism and water)

भारत में कब शुरू हुआ स्वच्छता अभियान

बताते चलें कि भारत में साल 2014 को स्वच्छ भारत मिशन अभियान शुरू किया गया. 2 अक्टूबर यानी गांधी जी की जयंती के दिन पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा इसे शुरू किया गया. स्वच्छ भारत मिशन को दो भागों में बांटा गया था.

जहां पहला स्वच्छ भारत ग्रामीण: इसके तहत गांवों में हर घर में शौचालय बनाने और खुले में शौच न करने का लक्ष्य था. जबकि दूसरा स्वच्छ भारत: शहरी था. इस मिशन का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना कि घरों के अलावा सार्वजनिक स्थानों पर भी शौचालय हो इसके साथ ही कूड़ा-कचरा को इधर-उधर न फेंका जाएं.

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