1. विश्व आर्द्रभूमि दिवस कब मनाया जाता है और इसका उद्देश्य क्या है?
विश्व आर्द्रभूमि दिवस हर साल 2 फरवरी को मनाया जाता है. इसका उद्देश्य आर्द्रभूमि के महत्व को बढ़ावा देना और इनके संरक्षण के लिए जागरूकता फैलाना है. यह दिन 1971 में हुई रांसर सम्मेलन की याद में मनाया जाता है, जो आर्द्रभूमि संरक्षण से जुड़ा था.
2. आर्द्रभूमि क्या होते हैं और इनका पारिस्थितिकी तंत्र में क्या महत्व है?
आर्द्रभूमि वह क्षेत्र होते हैं जो जल के प्रभाव में होते हैं, जैसे दलदल, झीलें, नदियां और मंग्रोव वन. ये पारिस्थितिकी तंत्र में पानी को शुद्ध करने, जलवायु को नियंत्रित करने और जैव विविधता का संरक्षण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
3. विश्व आर्द्रभूमि दिवस 2025 की थीम क्या है?
विश्व आर्द्रभूमि दिवस 2025 की थीम “आर्द्रभूमियां और जलवायु परिवर्तन” होगी. इसका उद्देश्य आर्द्रभूमियों के जलवायु परिवर्तन पर प्रभाव को समझना और इनके संरक्षण को बढ़ावा देना है, ताकि इनका पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव बना रहे.
4. भारत में प्रमुख आर्द्रभूमि क्षेत्रों के उदाहरण क्या हैं?
भारत में प्रमुख आर्द्रभूमि क्षेत्रों में कदलुर झील (तमिलनाडु), पुणे का डबके तड़का (महाराष्ट्र), और भारतीय सुंदरवन (पश्चिम बंगाल) शामिल हैं. इन क्षेत्रों का पारिस्थितिकी तंत्र में महत्वपूर्ण स्थान है और ये कई पक्षियों और जानवरों का घर हैं.
5. आर्द्रभूमियों के संरक्षण के लिए हमें कौन-कौन सी क्रियाएं करनी चाहिए?
आर्द्रभूमियों के संरक्षण के लिए हमें अवैध जल निकासी और शहरीकरण को रोकना चाहिए, जल स्रोतों का समुचित उपयोग करना चाहिए, और आर्द्रभूमि क्षेत्रों की सफाई और पुनर्निर्माण पर ध्यान देना चाहिए. इसके साथ ही, जागरूकता फैलाने और पर्यावरणीय नियमों को लागू करने की भी जरूरत है.
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