पिपरवार. राजधर साइडिंग के विस्थापित गांव बहेरा, राजधर व कनौदा के रैयतों की बैठक महेश विश्वकर्मा की अध्यक्षता में हुई. इसमें चर्चा के दौरान वक्ताओं ने रैयत विस्थापित मोर्चा द्वारा राजधर साइडिंग में रोजगार के नाम पर किये गये आंदोलन को जनता को भ्रमित करने वाला कार्य बताया. बैठक में सर्वसम्मति से मोर्चा के इस कदम का विरोध करते हुए निंदा की गयी. बैठक में बताया गया कि राजधर साइडिंग में ट्रांस्पोर्टिंग व लोडिंग का काम विस्थापितों द्वारा ही किया जा रहा है. साइडिंग में कार्यरत सैंपलिंग मजदूर, मुंशी, पेलोडर मशीनें, ऑपरेटर, लोडर हेल्फर, क्रॉसिंग गार्ड आदि सभी यहां के रैयत व विस्थापित प्रभावित ग्रामीण हैं. बताया गया कि पिपरवार में कोयला खनन व राजधर साइडिंग निर्माण में अपनी जमीन दे कर भूमिहीन हुए रैयत अपने हक-अधिकार पाने के लिए खुद सक्षम हैं. इन्हें किसी मोर्चा के समर्थन की जरूरत नहीं है. प्रबंधन साइडिंग में प्रदूषण के रोकथाम के लिए प्रयासरत है. बैठक में वक्ताओं ने आरोप लगाया कि मोर्चा के कुछ नेता अपने फायदे के लिए आंदोलन के माध्यम से रैयत विस्थापितों को प्राप्त रोजगार छीन कर बाहरी एजेंसी को दिलाने का साजिश रच रहे हैं. बैठक में विस्थापितों ने कहा कि रैविमो के अंदर बैठे निजी स्वार्थ के लोग मोर्चा के अग्रणी नेताओं का नाम खराब करने पर तूले हैं. सर्वसम्मति से कहा गया कि मोर्चा राजधर साइडिंग में जोर जबरदस्ती का आंदोलन न करे. अन्यथा रैयतों द्वारा इसका विरोध किया जायेगा. संचालन जाहिद अली व वीरेंद्र उरांव ने संयुक्त रूप से किया. मौके पर राजधर, बहेरा व कनौदा के काफी संख्या में रैयत विस्थापित उपस्थित थे.
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