Bhubaneswar News: लोक सेवा भवन स्थित कन्वेंशन सेंटर में गुरुवार को राष्ट्रीय सुशासन प्रथाओं पर दो दिवसीय सम्मेलन का शुभारंभ हुआ. ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी और भारत सरकार के कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने संयुक्त रूप से सम्मेलन का उद्घाटन किया. इस अवसर पर तकनीक-संचालित, सहभागितापूर्ण और पारदर्शी शासन की दिशा में सहयोगात्मक प्रयासों पर बल दिया गया.
डिजिटलीकरण से पारदर्शिता, दक्षता और नागरिक सहभागिता को मिला बढ़ावा
मुख्यमंत्री माझी ने अपने संबोधन में ओडिशा द्वारा प्रशासनिक क्षेत्र में किये गये महत्वपूर्ण बदलावों को रेखांकित किया. उन्होंने पेपरलेस बजट प्रक्रिया, डिजिटल शिकायत निवारण प्रणाली और ओडिशा सचिवालय वर्क फ्लो ऑटोमेशन सिस्टम जैसी प्रमुख पहलों का उल्लेख करते हुए बताया कि ये प्रयास राज्य में पारदर्शिता, दक्षता और नागरिक सहभागिता को बढ़ावा दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि ओडिशा केवल मेजबान नहीं, बल्कि सुशासन की दिशा में भारत की यात्रा में एक सक्रिय सहभागी है. अब समय आ गया है कि हम प्रशासन से उत्तरदायित्व की ओर, फाइलों से डेटा की ओर और अनुपालन से परिणामों की ओर बढ़ें. मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत 2047 विजन का समर्थन करते हुए सम्मेलन को भारतीय सुशासन की दिशा में एक मील का पत्थर बताया.
हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि शासन मॉडल स्थानीय रूप से प्रासंगिक हो : डॉ जितेंद्र सिंह
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने क्षेत्रीय सहयोग की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि सुशासन का अर्थ है हर चुनौती को अवसर में बदलना. जब हम इन सम्मेलनों को विभिन्न राज्यों में आयोजित करते हैं, तो यह सुनिश्चित होता है कि नीति मॉडल स्थानीय रूप से प्रासंगिक और राष्ट्रीय दृष्टिकोण के अनुकूल हों. उद्घाटन सत्र में ओडिशा सरकार के सामान्य प्रशासन एवं लोक शिकायत विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुरेंद्र कुमार और भारत सरकार के प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग के अतिरिक्त सचिव पुनीत यादव ने भी संबोधित किया. यादव ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया. सम्मेलन में विभिन्न राज्यों के मंत्रीगण, वरिष्ठ नौकरशाह और उच्च स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे. प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग और ओडिशा सरकार द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इस सम्मेलन में देश भर से 400 से अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं. यह मंच शासन प्रणाली को सुदृढ़ बनाने केलिए सर्वोत्तम प्रथाओं, नवाचारों और नीति अंतर्दृष्टियों को साझा करने का महत्वपूर्ण अवसर प्रदान कर रहा है.
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