चार प्रखंडों में मिले मलेरिया के पांच मरीज

प्रतिनिधि, सीवान. मलेरिया को लेकर आयोजित मीडिया कार्यशाला में सिविल सर्जन डॉ श्रीनिवास प्रसाद ने कहा कि इस जून माह को मलेरिया निरोधक माह के रूप में मनाया जा रहा

By Jitendra Upadhyay | June 24, 2025 9:50 PM
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प्रतिनिधि, सीवान. मलेरिया को लेकर आयोजित मीडिया कार्यशाला में सिविल सर्जन डॉ श्रीनिवास प्रसाद ने कहा कि इस जून माह को मलेरिया निरोधक माह के रूप में मनाया जा रहा है. मलेरिया एक संक्रामक रोग है जो प्लाज्मोडियम नामक परजीवी के कारण होता है. कहा कि मलेरिया जैसी बीमारी मुख्य रूप से चार प्रकार के होते हैं, जो प्लाज्मोडियम की विभिन्न प्रजातियों के आधार पर वर्गीकृत किए जाते हैं. जिसमें मुख्य रूप से प्लास्मोडियम विवैक्स (पीवी) मलेरिया, प्लास्मोडियम फाल्सीपेरम (पीएफ) मलेरिया, प्लाज्मोडियम मलेरिया (पीएम) मलेरिया और प्लाज्मोडियम ओवेल (पीओ) मलेरिया बीमारी शामिल है. बताया कि बिहार में मुख्य रूप से प्लास्मोडियम विवैक्स (पीवी) मलेरिया, प्लास्मोडियम फाल्सीपेरम (पीएफ) मलेरिया पाए जाते हैं. हालांकि मलेरिया के सभी प्रकार खतरनाक हो सकते हैं, यदि समय पर उसका इलाज नहीं किया जाए तो. लेकिन इनमें सबसे ज्यादा ख़तरनाक पीएफ मलेरिया होता है, जबकि पीवी मलेरिया भारत में सबसे सामान्य है. जिसका सही समय पर जांच और दवा के साथ-साथ मच्छरों से बचाव ही मलेरिया से बचाव का सबसे आसान और सरल रास्ता है. जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ ओम प्रकाश लाल ने कहा कि विगत वर्ष 2024 में टोटल 11 मलेरिया के मामले सामने आए थे. जबकि वर्ष 2025 में अभी तक मात्र पांच मामले सामने आए हैं. जिसमें आंदर में एक, दरौंदा में एक, हसनपुरा में एक, रघुनाथपुर में एक व जीरादेई में एक मलेरिया से संबंधित मामले आए हैं. हालांकि जिले में जितने भी रोगियों की जानकारी या इलाज़ किया गया है, उसमें अधिकांश की पहचान जिले से बाहर यानि दूसरे प्रदेशों से अपने गृह जिले या पैतृक घर आने वाले के रूप में हुई है. इसी को लेकर भारत सरकार द्वारा प्रत्येक वर्ष जून महीने में एंटी मलेरिया माह (मलेरिया विरोधी माह) के रूप में मनाया जाता है. जिसका मुख्य उद्देश्य मलेरिया जैसी जानलेवा बीमारी के प्रति आम जनता को जागरूक करना और बीमारी से संबंधित नियंत्रण एवं उन्मूलन की दिशा में सामूहिक रूप से बढ़ावा देना है

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