संवाददाता, देवघर. बॉर्न हेल्थी प्रोजेक्ट के तहत देवघर जिला स्वास्थ्य विभाग और डवलपमेंट पार्टनर जपाई-गो के संयुक्त तत्वावधान में पुराना सदर अस्पताल स्थित आइएमए हॉल के सभागार में तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया. प्रशिक्षण में कुल 28 एएनएम ने भाग लिया. प्रशिक्षण का उद्देश्य मातृ व शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए गर्भवती महिलाओं को दी जाने वाली प्रसव पूर्व देखभाल को गुणवत्तापूर्ण बनाना था. प्रतिभागियों को एएनसी यानी एंटीनेटल केयर की बारीकियों के साथ-साथ व्यवहारिक अभ्यास के माध्यम से भी प्रशिक्षित किया गया. प्रशिक्षण में प्रसव पूर्व देखभाल के चार मुख्य विजिट पर विशेष जोर दिया. पहली विजिट 12 सप्ताह के भीतर, दूसरी 14 से 26 सप्ताह के बीच, तीसरी 28 से 34 सप्ताह के बीच और चौथी 36 सप्ताह से प्रसव तक सुनिश्चित कराने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया. वहीं आरडीके किट से एचआइवी और सिफलिस की जांच, मलेरिया जांच, यूपीटी किट से गर्भावस्था की पुष्टि, मल्टी यूरिस्टीक से एएसबी की जांच, ओजीटीटी से गर्भकालीन मधुमेह की जांच, हीमोग्लोबिन की जांच, बीपी मापना, पेट की जांच और गर्भावस्था की अवधि का सही आकलन करना भी प्रशिक्षण का हिस्सा रहा. प्रतिभागियों को यह भी बताया गया कि समय रहते जोखिमों और संक्रमणों की पहचान कर उचित प्रबंधन के तहत हायर सेंटर के लिए रेफर किया जाये. वहीं ग्रुप एएनसी की प्रक्रिया को भी समझाया गया, जिसमें गर्भवती महिलाएं स्वयं का आकलन कर अपनी समझ को विकसित कर सकें. प्रशिक्षण में डॉ मनीष शेखर, सोनिया, राकेश कुमार और दिव्य ज्योति ने बतौर प्रशिक्षक अपनी भूमिका निभायी.
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