Deoghar News : एक देश, एक पाठ्यक्रम व समान वेतन की मांग गूंजी, शिक्षकों ने उठायी आवाज

प्रभात खबर टोली, देवघर/जसीडीह : शिक्षा व्यवस्था में समानता और गुणवत्ता को लेकर रविवार को जसीडीह के डाबरग्राम स्थित पंचायत प्रशिक्षण केंद्र में ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ टीचर्स ऑर्गनाइजेशन (एआइएफटीओ)

By ASHISH KUNDAN | May 25, 2025 9:34 PM
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प्रभात खबर टोली, देवघर/जसीडीह : शिक्षा व्यवस्था में समानता और गुणवत्ता को लेकर रविवार को जसीडीह के डाबरग्राम स्थित पंचायत प्रशिक्षण केंद्र में ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ टीचर्स ऑर्गनाइजेशन (एआइएफटीओ) का राष्ट्रीय अधिवेशन संपन्न हुआ. अधिवेशन की अध्यक्षता राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ अश्विनी कुमार ने की. देशभर के 22 राज्यों से आये 68 शिक्षकों व 25 संगठनों के प्रतिनिधियों ने अधिवेशन में हिस्सा लिया. अधिवेशन के विभिन्न सत्रों में शिक्षा से जुड़े ज्वलंत मुद्दों पर गंभीर चर्चा हुई और शिक्षकों ने ध्वनिमत से कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को पारित किया. अधिवेशन में शिक्षक नेताओं ने पूरे देश में एक समान पाठ्यक्रम लागू करने, शिक्षकों की सेवानिवृत्ति की समान उम्र और समान वेतनमान की पुरजोर मांग उठायी. वक्ताओं ने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग नियमों व पैमानों के कारण शिक्षकों के साथ भेदभाव होता है, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है. एक समान व्यवस्था लागू कर ही शिक्षा में समानता और विकास संभव है. राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ अश्विनी कुमार ने पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को शिक्षकों के लिए जरूरी बताते हुए इसे राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने की वकालत की. उन्होंने बताया कि राजस्थान, झारखंड, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में इसे लागू किया गया है, लेकिन कई राज्य अब भी इससे वंचित हैं. उन्होंने कहा कि ओपीएस को पूरे देश में लागू कराना फेडरेशन का लक्ष्य है.

कार्यक्रम में डॉ सुनील खवाड़े को एआइएफटीओ का मुख्य संरक्षक मनोनीत किया गया. उन्हें सम्मानस्वरूप पारंपरिक साफा पहनाकर दायित्व सौंपा गया. डॉ खवाड़े ने इस अवसर पर हर परिस्थिति में शिक्षकों के साथ खड़े रहने का वचन दिया. अधिवेशन में वक्ताओं ने विश्वविद्यालयों की तरह स्कूलों के लिए भी एक ””””विद्यालय अनुदान आयोग”””” (एसजीसी) के गठन की मांग की. कहा गया कि यूजीसी की तरह एक केंद्रीय निकाय स्कूल शिक्षा के लिए होना चाहिए, जो स्कूलों की समस्याओं का समाधान करे और अनुदान दे सके. इसके साथ ही शिक्षा क्षेत्र में देश की कुल जीडीपी का न्यूनतम 6 प्रतिशत खर्च करने की मांग भी उठायी गयी.

निजी स्कूलों की बढ़ती संख्या पर चिंता

शिक्षकों ने अधिवेशन में निजी स्कूलों की बेतहाशा वृद्धि पर भी चिंता जतायी. कहा गया कि सरकारी स्कूलों में सुधार के बिना शिक्षा में समानता संभव नहीं है. जब तक एक समान पाठ्यक्रम व शिक्षा नीति लागू नहीं होगी, तब तक अभिभावकों का रुझान सरकारी स्कूलों की ओर नहीं बढ़ेगा. फेडरेशन ने निर्णय लिया कि अगला राष्ट्रीय अधिवेशन सितंबर 2025 में आंध्र प्रदेश के तिरुपति में आयोजित किया जायेगा, जिसमें और व्यापक स्तर पर शिक्षकों की भागीदारी सुनिश्चित की जायेगी. अधिवेशन को गुजरात, केरल, तेलंगाना, हिमाचल, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, झारखंड समेत कई राज्यों के प्रतिनिधियों ने संबोधित किया.

झारखंड स्टेट प्राइमरी टीचर्स एसोसिएशन का पुनर्गठन

अधिवेशन के दौरान झारखंड स्टेट प्राइमरी टीचर्स एसोसिएशन का पुनर्गठन भी सर्वसम्मति से किया गया. चुनाव पर्यवेक्षक राजेश कुमार मिश्र व मदन कुमार रत्न की देखरेख में हुए चुनाव में डॉ सुनील खवाड़े को मुख्य संरक्षक, अशोक कुमार मिश्रा को अध्यक्ष, मंगलेश्वर उरांव को महासचिव और सुभाष कुमार को कोषाध्यक्ष चुना गया. इसके अलावा डॉ राजेश कुमार मिश्र संयोजक, जयंती देवी, पूनम कुमारी व शिवनाथ भगत उपाध्यक्ष, मदन कुमार रत्न संयुक्त सचिव, नीरज कुमार, जीवननाथ तिवारी, उषा ब्रेक, उपेंद्र प्रसाद व राजकमल दूबे उप महासचिव, मुकेश कुमार, देवकांत मंडल, जेराम चेरमाको व अवधेश कुमार संगठन सचिव, देवन्ती कुजूर अंकेक्षक, जसिंता कुजूर महिला नेटवर्क और अनिल कुमार प्रवक्ता निर्विरोध चुने गये.

शिक्षा मंत्री को सौंपा जायेगा प्रस्ताव

अधिवेशन में पारित प्रस्ताव को शीघ्र ही केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को सौंपने का निर्णय लिया गया, ताकि राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षकों की समस्याओं का समाधान हो और नीति-निर्माण में इन मांगों को शामिल किया जा सके. अलग-अलग सत्रों में अधिवेशन को गुजरात से पहुंचे रमेश भाई पटेल, पंकज भाई पटेल, हितेश भाई पटेल, केरला से आये एम सलाउद्दीन, तेलंगाना के एमएलसी श्रीपल रेड्डी पिंगली, हिमाचल प्रदेश से आये अवनित सरक्रिक, उत्तर प्रदेश के मनोज कुमार सिंह, राजस्थान के छगनलाल रोज, तेलांगना के पद्मा गोली, राजस्थान के हरि सिंह मिथरवाल व हिमाचल प्रदेश के प्रेम लाल शर्मा ने संबोधित किया.

– ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ टीचर्स ऑर्गनाइजेशन का जसीडीह में हुआ अधिवेशन

– ओपीएस को राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने की भी उठी मांग

– एसजीसी गठन, शिक्षा में 6 प्रतिशत जीडीपी खर्च व निजी स्कूलों पर नियंत्रण की मांग

– तिरुपति में सितंबर में होगा अगला अधिवेशन

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