संजीव मिश्रा, देवघर . बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर से निकलने वाले पवित्र बेलपत्र और नीर के संरक्षण को लेकर प्रशासन ने कई योजनाएं बनायीं थीं, लेकिन ये योजनाएं सिर्फ कागजों में सिमट कर रह गयी. न तो बेलपत्र से बनने वाली कंपोस्ट की व्यवस्था टिक सकी और न ही 50 लाख की लागत से बने नीर ट्रीटमेंट प्लांट का लाभ मंदिर को मिल पाया. मालूम हो कि पावर ग्रिड ऑफ इंडिया ने वर्ष 2016 से 2019 तक सीएसआर मद के तहत बाबा मंदिर परिसर की सफाई का जिम्मा लिया था.
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