ऑनलाइन मार्केटिंग का बढ़ा दायरा, परंपरागत बाजार में ग्राहकों की कमी बाजार के विस्तार के लिए इ-कॉमर्स कंपनियों ग्राहकों को दे रही ऑफर उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर इ-कॉमर्स के बढ़ते कारोबार ने शहर के खुदरा बाजार की बिक्री काफी प्रभावित हुई है. ऑनलाइन मार्केटिंग के दिनोंदिन बढ़ते दायरे ने शहर का कारोबार कमजोर कर दिया है. शहर के परंपरागत बाजारों में ग्राहक संख्या लगातार घट रही है. खासतौर पर रेडिमेड कपड़े, जूते-चप्पल, मोबाइल और उनकी एसेसरीज़, किचन आइटम, शृंगार उत्पाद, होम डेकोर और पाठ्य पुस्तकें सहित प्रतियोगिता परीक्षाओं की किताबों की बिक्री पर करीब 30 से 40 फीसदी तक गिरावट दर्ज की गयी है. सबसे बड़ी बात है कि इन ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से ग्राहकों को बाजार से सस्ते दर पर सामान मिलता है. साथ ही पहली खरीदारी पर बोनस प्वाइंट, विशेष छूट, घर बैठे डिलीवरी और आसान रिटर्न पॉलिसी जैसी सुविधाओं ने पारंपरिक व्यापारियों की परेशानी बढ़ा दी है। ग्राहक अपनी बचत के लिहाज से स्थानीय खरीदारों के पास जाने की अपेक्षा ऑनलाइन खरीदारी कर रहे हैं. इससे स्थानीय बाजार पिछड़ता जा रहा है और शहर के दुकानदारों की आय कम हो गयी है. पिछल दो वर्षों में ऑनलाइन बाजार ने स्थानीय बाजार को काफी नुकसान पहंचाया है. एक कंपनी के वेयर हाउस प्रभारी ने बताया कि पिछले एक साल इ-कॉमर्स का काफी विस्तार हुआ है. पहले शहर के लाेग ही सामान मंगवाते थे. अब तो हमलोग ग्रामीण क्षेत्रों में भी डिलेवरी करा रहे हैं. कंपनी की गाड़ी के माध्यम से सामान लोगों के घर तक पहुंचाया जा रहा है. मोतीझील के जूता-चप्पल व्यवसायी अब्दुल मजीद ने कहा कि इ-कॉमर्स के कारण कारोबार 50 फीसदी कम हो गया है. फेस्टिवल सीजन में भी खरीदारों की भीड़ नहीं लग रही है. इन सेक्टरों पर ऑनालाइन बाजार का प्रभाव नहीं लाइफ स्टाइल से लेकर किचन आइटम तक की खरीदारी लोग ऑनलाइन कर रहे हैं. हालांकि कुछ वस्तुएं ऐसी हैं जिनमें ऑनलाइन का असर नहीं के बराबर है. पेंट, हार्डवेयर, थान के कपड़े, एसी, अलमीरा, सर्राफा और फर्नीचर जैसी वस्तुओं के लिए ग्राहक अब भी स्थानीय दुकानों को प्राथमिकता दे रहे हैं. ग्राहक इन उत्पादों को देखकर, छूकर और परखकर ही खरीदना चाहते हैं, साथ ही इंस्टॉलेशन व सर्विस की सुविधा भी इन्हें स्थानीय विक्रेता से जोड़ती है. यही कारण है कि इ-कॉमर्स मे बाजार में इन वस्तुओं की दखल नहीं है. हालांकि इन क्षेत्रों के दुकानदारों का कहना है कि फिलहाल तो इन वस्तुओं पर इ=कॉमर्स की पकड. नहीं है, लेकिन जिस तरह इ-कॉमर्स कंपनियां अपने व्यापार का जाल फैला रही है, उससे संभव है कि आने वाले समय में यह वस्तुएं भी ऑनलाइन बाजार का हिस्सा बन जाये. वर्जन इ-कॉमर्स कंपनियों के बढ़ते दायरे ने शहर के कारोबार को काफी प्रभावित किया है. स्थानीय दुकानदारों का कारोबार सिमटता जा रहा है. इससे व्यवसाय और उद्यम को काफी नुकसान हो रहा है. स्थानीय बाजार से सामान खरीदने पर दुकानदार और ग्राहक के बीच एक रिश्ता कायम हाेता है. इससे बाजार को मजबूती मिलती है. ऑनलाइन कारोबार से स्थानीय बाजार घाटे में जा रहा है. ग्राहकों को स्थानीय दुकानदारों पर भरोसा कर सामान खरीदना चाहिए और अपने क्षेत्र के बाजार को बढ़ावा देना चाहिए़ -सज्जन शर्मा, चैंबर ऑफ कॉमर्स
संबंधित खबर
और खबरें