निर्देश. तीन दिनों में प्रतिवेदन जमा नहीं करने पर हो सकती है कार्रवाई : बीडीओ
पाकुड़िया प्रखंड में मनरेगा सामग्री के आपूर्तिकर्ता (वेंडरों) के द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-24, 2024-25 और 2025-26 की मनरेगा की योजनाओं से संबंधित विभाग में जमा किये गये जीएसटी व रॉयल्टी का प्रतिवेदन जमा नहीं किये जाने के बाद सभी वेंडरों को नोटिस जारी किया गया है. बीडीओ सोमनाथ बनर्जी ने प्रखंड के 8 मनरेगा वेंडरों गौतम कुमार साह, नजरुल अंसारी, सुनील कुमार भगत, विश्वजीत दास, रंजीत घोष, मुसाराफ हुसैन, मिलन कुमार साह, सुजेन भंडारी को पत्र जारी किया है. यह पत्र 7 जुलाई को सभी वेंडरों को जारी किया गया है. वहीं सभी वेंडरों को तीन दिनों के भीतर प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है. पाकुड़िया बीडीओ के द्वारा जारी पत्र में उल्लेख किया गया है कि मनरेगा की योजनाओं में आपूर्ति की गयी सामग्रियों के भुगतान के विरुद्ध कटौती की गई रॉयल्टी एवं जीएसटी की राशि विभाग में जमा कराया गया है कि नहीं, इसका अपडेट प्रतिवेदन तीन दिनों के अंदर जमा कराया जाए. समय पर प्रतिवेदन जमा नहीं करने पर यह समझा जाएगा कि आप सभी के द्वारा रॉयल्टी एवं जीएसटी की राशि विभाग में जमा नहीं किया गया है, जो कि सरकारी राशि गबन की श्रेणी में आता है. सरकारी राशि का गबन मानते हुए हुए आपके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी. आपके आपूर्तिकर्ता की पंजीकरण को रद्द करते हुए काली सूची में डाल दिया जायेगा.
क्या कहते हैं बीडीओ
इस संबंध में बीडीओ ने बताया कि अब तक सिर्फ सुनील कुमार भगत ने प्रतिवेदन जमा किया है. वहीं, जो नहीं जमा किये हैं, उन्हें फिर से नोटिस किया जायेगा. यदि वे जमा नहीं करेंगे तो उन्हें हटा दिया जायेगा.
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