संवाददाता,पटना निगरानी विभाग के अपर मुख्य सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने निगरानी से जुड़े मामलों का निपटारा नए कानून के तहत 2 से 3 वर्ष में पूरा करने का निर्देश अधिकारियों को दिया.सभी जिलों के निगरानी कोषांग को भ्रष्ट अधिकारियों की पहचना और उनकी अवैध संपत्ति की जांच कर कार्रवाई की पहल करने के लिए भी कहा. सरकारी कार्यालयों में दलालों और बिचौलियों के खिलाफ कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया.श्री चौधरी,बुधवार को मुख्य सचिवालय स्थित अधिवेशन भवन में निगरानी विभाग की तरफ आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे.अधिकारियों ने पीपीटी के माध्यम से निगरानी से जुड़ी कार्रवाई और भ्रष्टाचार से संबंधित स्थिति और इस पर कार्रवाई की पूरी विस्तृत जानकारी दी.अपर मुख्य सचिव ने सभी जिले निगरानी कोषांग से जुड़ी हेल्पलाइन नंबर को संचालित करने और एक मोबाइल नंबर भी जारी करने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि जल्द ही सभी डीएम को इससे संबंधित आदेश जारी कर दिया जाएगा. जिलों में त्रिशक्ति के तौर पर काम करें निगरानी कोषांग कार्यशाला में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के महानिदेशक जितेंद्र सिंह गंगवार ने कहा कि जिला स्तर पर निगरानी कोषांग में मौजूद पुलिस अधिकारी, मैजिस्ट्रेट और इंजीनियर भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने में मिलकर त्रिशक्ति की तरह काम करें. यहां से प्रशिक्षण लेकर जाएं और भ्रष्टाचार निरोधक कानून समेत अन्य संबंधित कानून में प्रभावी तरीके से कार्रवाई करें.विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) के अपर मुख्य सचिव (एडीजी) पंकज कुमार दाराद ने कहा कि छापेमारी, ट्रैप या अन्य कार्रवाई का डिजिटल साक्ष्य रखें.कार्यशाला में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की डीआइजी एस प्रेमलथा, डीआइजी नवीन चंद्र झा, डीआइजी विकास कुमार, डीआइजी मृत्युंजय कुमार चौधरी, निगरानी विभाग की संयुक्त सचिव (विधि) अंजु सिंह, तकनीकी परीक्षक कोषांग के अभियंता प्रमुख (प्र.) राज कुमार, विशेष निगरानी इकाई के पुलिस अधीक्षक जेपी मिश्रा, निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के पुलिस अधीक्षक सुबोध कुमार विश्वास, पुलिस अधीक्षक मो. सैफुर्र रहमान, पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार, पुलिस अधीक्षक बमबम चौधरी और विधि पदाधिकारी नरेंद्र कुमार राय मौजूद थे.
संबंधित खबर
और खबरें