– ग्रामीणों ने सौंपा डीईओ को ज्ञापन, बच्चों की शिक्षा पर मंडरा रहा संकट सुपौल सदर प्रखंड अंतर्गत नरहैया गांव के ग्रामीणों ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को एक आवेदन पत्र सौंपकर प्राथमिक विद्यालय नरहैया को पुनः उसके पूर्व स्थान पर स्थानांतरित करने की मांग की है. ग्रामीणों ने आवेदन में बताया कि यह विद्यालय वर्ष 1956 से संचालित था, लेकिन पिछले वर्ष आई भीषण बाढ़ के दौरान विद्यालय भवन कोसी नदी की धारा में समाहित हो गया. इसके बाद विभाग द्वारा मध्य विद्यालय पिपराखुर्द (जो नरहैया से करीब 5 किलोमीटर दूर है) में अस्थायी रूप से विद्यालय संचालन की व्यवस्था की गई. ग्रामीणों का कहना है कि इतनी दूरी तय करना छोटे-छोटे बच्चों के लिए अत्यंत कठिन है, जिससे अधिकांश बच्चे शिक्षा से वंचित हो रहे हैं. बच्चों की पढ़ाई बाधित होने से स्थानीय अभिभावकों में गहरी चिंता व्याप्त है. गांव वालों ने बताया कि जनवरी 2025 में ही सामाजिक सहयोग से नया भवन तैयार कर लिया गया है, जहां विद्यालय को पुनः स्थानांतरित किया जा सकता है. विद्यालय में इस समय कुल 04 शिक्षक पदस्थापित हैं, लेकिन भवन उपलब्ध होने के बावजूद शिक्षा विभाग की उदासीनता के कारण विद्यालय अब भी अस्थायी केंद्र से संचालित हो रहा है, जिससे बच्चों का भविष्य अंधकारमय होता जा रहा है. ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से अपील की है कि जल्द से जल्द विद्यालय को नरहैया में पुनः स्थानांतरित कर नियमित पठन-पाठन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, ताकि क्षेत्र के बच्चों को सुलभ और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त हो सके. डीईओ संग्राम सिंह ने बताया कि बीईओ को जांच के लिए स्थल पर भेजा गया था. जांच रिपोर्ट में स्थल पर समुचित सुविधा नहीं है. जिस कारण पुन: डीपीओ को जांच के लिए भेजा जायेगा.
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