Ranchi News: प्रभारियों की बैसाखी पर चल रहा 65 साल का रांची विवि
रांची. रांची विवि अब 65 साल का हो गया है. लेकिन इस उम्र में यह विवि फिलहाल प्रभारियों की बैसाखी पर चल रहा है. इसमें वर्तमान में करीब डेढ़ विद्यार्थी
By PRABHAT GOPAL JHA | July 12, 2025 12:41 AM
रांची. रांची विवि अब 65 साल का हो गया है. लेकिन इस उम्र में यह विवि फिलहाल प्रभारियों की बैसाखी पर चल रहा है. इसमें वर्तमान में करीब डेढ़ विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. 12 जुलाई 1960 को स्थापित इस विवि की उम्र बढ़ती गयी. विद्यार्थियों की संख्या भी बढ़ती गयी. लेकिन पढ़ानेवाले शिक्षक घटते गये. यहां 400 से अधिक पद खाली हैं. सरकार ने इस विवि के विकास की परिकल्पना करते हुए इसके चार टुकड़े किये. 1992 में विनोबा भावे विवि हजारीबाग, 2009 में कोल्हान विवि, चाईबासा और नीलांबर-पीतांबर विवि पलामू तथा 2019 में डीएसपीएमयू के रूप में नये विवि स्थापित किये. लेकिन वर्तमान में रांची विवि के महत्वपूर्ण पद प्रभारियों के भरोसे चल रहे हैं. 19 में 16 अंगीभूत कॉलेज भी प्रोफेसर इंचार्ज के भरोसे चल रहे हैं. पूरे विवि में तीन प्राचार्य ही नियमित हैं.
कुलपति व प्रतिकुलपति के पद खाली
विवि में कुलपति व प्रतिकुलपति के पद खाली हैं. कुलपति के प्रभार में फिलहाल नीलांबर-पीतांबर विवि के कुलपति हैं. जबकि प्रतिकुलपति का पद पिछले लगभग ढाई साल से खाली है. वहीं रजिस्ट्रार, परीक्षा नियंत्रक, वित्त पदाधिकारी और सीसीडीसी जैसे पद प्रभार में हैं. असिस्टेंट रजिस्ट्रार का पद वर्षों से खाली है. शिक्षकों को समय पर प्रोन्नति नहीं मिलने से यह स्थिति हो गयी है और शिक्षक अपनी मांगों को लेकर सड़क पर हैं. प्रोन्नति नहीं मिलने से शिक्षक असिस्टेंट प्रोफेसर में नियुक्त हो रहे हैं और सेवानिवृत्त भी असिस्टेंट प्रोफेसर के ही पद पर हो जा रहे हैं. यहां के शिक्षक महत्वपूर्ण पद के लिए योग्य नहीं हो पा रहे हैं. एसोसिएट प्रोफेसर/प्रोफेसर की कमी के कारण कई पीजी विभाग में अध्यक्ष नहीं हैं और प्रोफेसर इंचार्ज ही विभागाध्यक्ष का काम संभाल रहे हैं. मॉडल कॉलेज खोल लिये गये, लेकिन शिक्षक ही नहीं हैं. नतीजा विद्यार्थी नामांकन नहीं ले पा रहे हैं. जिन्होंने नामांकन ले भी लिया, तो वह कई विषयों में शिक्षक के बिना पढ़ाई पूरी करने की जद्दोजहद कर रहे हैं.
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