लखीसराय. शिक्षा विभाग में हुए बड़े घोटाले के आरोपित को जिला शासन-प्रशासन और शिक्षा अधिकारी पर बचाने का अरोप लगाया जा रहा है. इसको लेकर भाकपा नेता सह अधिवक्ता रजनीश कुमार ने आरोप लगाया है कि शिक्षा विभाग, जिला प्रशासन और पुलिस की मिलीभगत से एटीएस कोष और हिमांशु नामक संवेदक के जरिये विद्यालय सुदृढ़ीकरण योजना में बड़ा घोटाला किया गया है. लगभग 534 से अधिक फर्जी प्राक्कलन, कार्यादेश, कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र, मापी पुस्तिका और सामग्री विपत्र के आधार पर संचिकाएं तैयार की गयी. जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग इन फर्जीवाड़ों को छिपाने में लगी है, पुलिस भी प्रशासनिक दबाव में मूकदर्शक बनी हुई है. हिमांशु नामक संवेदक की लगभग 56 संचिकाएं कार्यालय से गायब कर दी गयी, जबकि एटीएस कोष की योजनाओं की जांच रोक दी गयी है और मामले को रफा-दफा करने में पूरा प्रशासनिक तंत्र लगा है. हिमांशु लोगों के लिए यक्ष प्रश्न बना हुआ है. हिमांशु का चेहरा पर्दे से बाहर नहीं आ रहा है. टाउन थाना कांड संख्या. 184/25 के तहत दर्ज मुकदमे को भी ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है. आरोपी खुलेआम घूम-घूम कर साक्ष्य मिटा रहे हैं. डीएम का स्पष्ट आदेश और निर्देश था कि जिन योजनाओं पर कोई काम शुरू नहीं हुआ, उन पर तत्काल कार्रवाई होनी थी, लेकिन प्रगति पर चल रहे कार्यों पर मुकदमा किया गया. वहीं फर्जी मापी पुस्तिका बनाने वाले अभियंता को बचा लिया गया. जिसने मापी पुस्तिका नहीं बनायी, उसी के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज हुई, जो घोर आश्चर्य का विषय है. यह जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय की मंशा को भी दर्शाता है. भाकपा ने शिक्षा निदेशालय से मांग की है कि वित्तीय वर्ष 2024-25 की सभी संचिकाएं जब्त कर दोषी अधिकारियों, शिक्षकों और संवेदकों पर समान रूप से कठोर कार्रवाई की जाय अन्यथा, भाकपा जिला प्रशासन के कार्यों को ठप करने के लिए बाध्य होगी.
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