खबर छत्तीसगढ़ से है. यहां के एक कलेक्टर ने अपनी बेटी की प्राथमिक स्तर की पढ़ाई के लिए प्राइवेट स्कूल के बजाय सरकारी प्रज्ञा प्राथमिक विद्यालय को चुना है.
जी हां, छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के कलेक्टर अवनीश कुमार शरण ने अपनी अपनी पांच वर्षीय बेटी का दाखिला प्राइवेट स्कूल के बजाय सरकारी स्कूल में कराया है.
जहां आज के दौर में माता-पिता द्वारा अपने बच्चे के उज्जवल भविष्य के लिए उसका दाखिला निजी स्कूलों में कराने का चलन है, कलेक्टर अवनीश कुमार शरण ने अपने मजबूत इरादों से राज्य के अन्य नौकरशाहों की बीच नकेवल एक बड़ा संदेश दिया है,बल्किउन्होंने एक मिसाल भी कायम की है.
यहां यह जानना गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब कलेक्टर अवनीश कुमार ने ऐसा कदम उठाया हो. इससे पहले वह अपनी बेटी को पढ़ाई के लिए आंगनबाड़ी स्कूल में भी भेज चुके हैं.
बतातेचलें कि बलरामपुर जिले में लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए ‘उड़ान’ और ‘पहल’ जैसी योजनाएं भी लांच कीं इन योजनाओं की तारीफ खुद सूबे के मुखिया सीएम रमन सिंह कर चुके हैं.
जहां छत्तीसगढ़ के आला नौकरशाहों के बच्चे बड़े नामवाले निजी स्कूलों में पढ़ाई कर रहे हैं. कई अफसरों के बच्चे प्राथमिक शिक्षा के लिए राज्य के बाहर और विदेशों में रह कर पढ़ाई कर रहे हैं.
ऐसे में एक आईएएस अफसर की बच्ची का सरकारी स्कूल में दाखिला उल्लेखनीय है. अब ऐसी उम्मीद की जा रही है कि कलेक्टर अवनीश कुमार की ऐसी पहल से दूसरे अफसर भी प्रभावित होंगे और उनके इस कदम से सरकारी स्कूलों की बदहाली दूर होगी.
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