इस मामले में मरीज के परिजनों ने पुलिस को नगर परिषद प्रधान व दो अन्य लोगों के खिलाफ शिकायत दी है. इसके बाद पुलिस ने शिकायत दर्ज की. वहीं, दर्शन नागपाल ने आरोप को निराधार बतातेहुए कहा कि एंबुलेंस ने उनकी गाड़ी के पीछे टक्कर मार दी थी. हालांकि उसमें मरीज होने के कारण एंबुलेंस को रोका नहीं गया.
बताया जाता है कि 42 साल के नवीन कुमार नाम के शख्स की अचानक तबीयत खराब हो गयी थी. तबीयत खराब होने के बाद परिवार वाले उन्हें एक निजी अस्पताल में लेकर गए. जहां डॉक्टर ने हार्ट की तकलीफ बताते हुए नवीन को रेफर कर दिया. इसके बाद परिवार वाले एक प्राइवेट एंबुलेंस से नवीन को दूसरे अस्पताल ले जा रहे थे. पुलिस शिकायत के अनुसार एंबुलेंस जब मरीज को लेकर लालबत्ती चौक पर पहुंचे तो यहां होमगार्ड का ईशारा मिलते ही तुरंत एंबुलेंस चालक ने गाड़ी को चौक से निकालने की कोशिश की. इसी दौरान भाजपा नेता दर्शन नागपाल की गाड़ी से एंबुलेंस की हल्की टक्कर हो गयी.
हालांकि, चालक ने एंबुलेंस को नहीं रोकी. आरोप है कि दर्शन नागपाल ने पीछा करते हुए जाट धर्मशाला के सामने बंसल अस्पताल के मोड़ पर अपनी गाड़ी एंबुलेंस के सामने अड़ा दी. अरुण का आरोप है कि इस दौरान नागपाल ने एंबुलेंस की चाबी निकाल ली गयी और धमकियां दी गयी. नागपाल ने करीब आधे घंटे तक एंबुलेंस को रोके रखा.बादमें माफी मांगने व हाथ जोड़ने के बाद चाबी वापस दी गयी. इसके बाद जब वह अस्पताल पहुंचे तो डाक्टर ने उसके चाचा को मृत घोषित कर दिया. साथ ही कहा कि 10 मिनट पहले आते तो इन्हें बचा लेते. इस पूरे मामले पर पुलिस का कहना है कि घटना की जांच कर कार्रवाई की जाएगी.