पिछले छह घंटे से लगातार चल रहे गहमागहमी के बाद आखिरकार चुनाव आयोग ने कांग्रेस पार्टी की मांग मान ली. चुनाव आयोग ने कांग्रेस पार्टी के दो विधायकों के वोट को अमान्य करने की मांग की थी. इन विधायकों पर आरोप था कि मतदान करते समय दोनों ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और स्मृति ईरानी को बैलेट पत्र दिखाते हुए यह साबित करने की कोशिश की थी कि हमारा वोट भाजपा को जा रहा है. उधर वोटों की गिनती पांच बजे शुरू होने वाली थी लेकिन कांग्रेस की शिकायत के बाद करीब छह घंटे तक चुनाव आयोग में मंथन चला. इस दौरान कांग्रेस और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के प्रतिनिधिमंडल तीन-तीन बार चुनाव आयोग पहुंचे और अपने – अपने पक्ष को मजबूत साबित करने के प्रयास में जुटे रहे. गुजरात के गांधीनगर में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी अपने विधायकों के साथ पूरी घटनाक्रम पर नजर बनाये हुए थे. रात 11.30 बजे पूरा मामला साफ हो पाया. चुनाव आयोग के इस फैसले से अहमद पटेल के जीतने के आसार बढ़ गये हैं.
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